लखनऊ, 5 जुलाई 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ में आयकर विभाग की बेनामी संपत्ति निषेध इकाई ने बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रतिष्ठित शैक्षणिक व इंफ्रास्ट्रक्चर समूह बाबू बनारसी दास (बीबीडी) ग्रुप की करीब 100 करोड़ रुपये मूल्य की 20 बेनामी संपत्तियों को जब्त कर लिया है। ये संपत्तियां फैजाबाद रोड स्थित उत्तरधौना, जुग्गौर, सरायशेख और सेमरा गांवों में स्थित हैं। यह इलाका लखनऊ की प्राइम लोकेशंस में गिना जाता है। यहीं पर बीबीडी यूनिवर्सिटी और इंजीनियरिंग कॉलेज है।
चार साल से चल रही थी जांच
बीबीडी ग्रुप की इन बेनामी संपत्तियों की जांच आयकर विभाग ने वर्ष 2021 में शुरू की थी। जांच में सामने आया कि वर्ष 2005 से 2015 के बीच अलग-अलग नामों से इन भूखंडों को खरीदा गया था। कई संपत्तियां बीबीडी यूनिवर्सिटी के आस-पास स्थित हैं, जहां वर्तमान में कई इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स भी चल रहे हैं।
असली लाभार्थी पूर्व मंत्री का परिवार और कंपनियां
जांच के मुताबिक जब्त की गई संपत्तियों के वास्तविक लाभार्थी पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. अखिलेश दास की पत्नी अलका दास, पुत्र विराज सागर दास, उनकी कंपनियां मेसर्स विराज इंफ्राटाउन प्राइवेट लिमिटेड और हाईटेक प्रोटेक्शन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड हैं। वहीं बेनामीदारों में बीबीडी समूह के कर्मचारी शामिल हैं, जिनमें कई दलित समुदाय से हैं। आयकर विभाग के अनुसार इन कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति इतनी नहीं थी कि वे लाखों-करोड़ों की संपत्ति खरीद सकें।
ग्रुप के कर्मचारियों के नाम पर खरीदी गई जमीनें
जांच में यह भी सामने आया है कि अधिकांश कर्मचारियों को उनके नाम पर खरीदी गई संपत्तियों की जानकारी तक नहीं थी। ये खरीद-फरोख्त नकद भुगतान के माध्यम से की गई थी। जैसे ही जांच तेज हुई, बीबीडी समूह ने कई संपत्तियों को बेचने का प्रयास भी शुरू कर दिया। जिन संपत्तियों की बिक्री हो चुकी थी, उनमें से अधिकांश का भुगतान बैंक के माध्यम से लिया गया और फिर अगले ही दिन नगद रूप में निकाल लिया गया।
जब्त संपत्तियों का क्षेत्रफल और मूल्य
आयकर विभाग के अनुसार जब्त की गई 20 संपत्तियों का कुल क्षेत्रफल करीब 8 हेक्टेयर है। डीएम सर्किल रेट के अनुसार इनकी कीमत लगभग 20 करोड़ रुपये आंकी गई है। वर्तमान बाजार मूल्य 100 करोड़ रुपये से अधिक बताया जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक सर्किल रेट में संभावित बढ़ोत्तरी के बाद इनकी कीमत और अधिक हो सकती है क्योंकि ये लखनऊ-अयोध्या हाईवे के करीब हैं।
खरीद-फरोख्त पर रोक, जांच जारी
आयकर विभाग ने लखनऊ के सभी उप निबंधक कार्यालयों को पत्र जारी कर जब्त की गई संपत्तियों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। विभाग ने यह भी कहा है कि इससे आम जनता अपनी पूंजी सुरक्षित रख सकेगी। इसके अलावा उन संपत्तियों की भी जानकारी मांगी गई है जो पहले ही बेची जा चुकी हैं, ताकि यह जांच की जा सके कि उन्हें परिचितों या संबंधियों को आयकर कार्रवाई से बचाने के लिए तो नहीं बेचा गया।