नई दिल्ली, 18 जुलाई 2025
ताजा हालातों को देखते हुए भारत और चीन के बीच फिर से सुधर रहे संबंधों के चलते विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि 2020 में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पार करने के बाद भारत और चीन के बीच सुधरते द्विपक्षीय संबंधों में किसी तीसरे पक्ष (पाकिस्तान) के लिए कोई जगह नहीं है।
हाल ही में चीन की यात्रा पर गए जयशंकर ने वहां अपने देश के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। इस मौके पर उन्होंने वांग यी से कहा कि दोनों देशों से जुड़े मामलों में किसी दूसरे पक्ष का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। साथ ही जयशंकर ने पिछले अक्टूबर में चीन के साथ हुए समझौते के तहत देपसांग और दमचोक में भारतीय सेना की गश्त फिर से शुरू होने पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि सीमाओं पर स्थिर स्थितियां भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों के लिए महत्वपूर्ण हैं, और सुझाव दिया कि अब, पूर्वी लद्दाख में उल्लंघन और गलवान संघर्ष के पांच साल बाद, दोनों देशों की सेनाओं को तनाव कम करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
इसी तरह, जयशंकर ने पोलित ब्यूरो सदस्य वांग को स्पष्ट किया कि दोनों देशों के बीच वस्तुओं की आपूर्ति में कोई व्यवधान नहीं आना चाहिए और भारत को निर्यात पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए। इस बीच, चीन की दो दिवसीय यात्रा पर आए जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) परिषद की बैठक में भाग लिया। बाद में, उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की।