
नई दिल्ली, 19 जुलाई 2025 —
भारत ने बीते 48 घंटों में रक्षा क्षेत्र में तीन अहम कामयाबियां हासिल की हैं, जो न केवल ‘मेक इन इंडिया’ की सफलता हैं, बल्कि रणनीतिक लिहाज़ से पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसियों के लिए एक सख्त संदेश भी मानी जा रही हैं।
सबसे पहले बात INS निस्तार की। भारतीय नौसेना में शामिल हुआ यह अत्याधुनिक ‘डाइविंग सपोर्ट वेसल’ पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित है। इसकी खासियत यह है कि यह समुद्र की 650 मीटर गहराई तक जाकर पनडुब्बी बचाव अभियान चला सकता है। यह 120 मीटर लंबा, 9350 टन वजनी जहाज है जो 60 दिनों तक बिना किनारे लौटे समुद्र में काम कर सकता है। इसमें डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू व्हीकल (DSRV), हेलिपैड, और 200 से अधिक नौसैनिकों की तैनाती की क्षमता है। यह भारत का पहला समर्पित DSV है। 1971 के भारत-पाक युद्ध में जिस ‘INS निस्तार’ नाम के जहाज ने PNS गाजी को हराने में भूमिका निभाई थी, यह नया जहाज उसी नाम और विरासत को दोहराता है।
दूसरी उपलब्धि, भारत ने सफलतापूर्वक तीन मिसाइल परीक्षण किए — अग्नि-1, पृथ्वी-2 और आकाश प्राइम। अग्नि-1 और पृथ्वी-2 दोनों परमाणु क्षमता से लैस हैं और दुश्मन के भीतर तक सटीक वार कर सकते हैं। वहीं आकाश प्राइम सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है, जो दुश्मन के एयरक्राफ्ट या ड्रोन को समय रहते ढेर कर सकती है।
तीसरी बड़ी उपलब्धि है AK-203 ‘शेर’ राइफल का भारत में उत्पादन। अमेठी स्थित कोरवा फैक्ट्री में अब इन अत्याधुनिक असॉल्ट राइफलों का निर्माण हो रहा है। यह राइफल पहले से मौजूद INSAS और AK-47 का बेहतर और हल्का वर्जन है, जिसकी मारक क्षमता कहीं अधिक है।
ये तीनों घटनाएं भारत की रक्षा प्रणाली को आधुनिक, आत्मनिर्भर और आक्रामक बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही हैं।