
नई दिल्ली, 21 जुलाई 2025
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण मामले में टिप्प्णी करते हुए ED प्रवर्तन निदेशालय को कड़ी फटकार लगाई है। और साथ ही सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पी.आर. कवाई ने सवाल उठाया है कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) का इस्तेमाल राजनीतिक मुद्दों में क्यों किया जा रहा है।
प्रवर्तन निदेशालय ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण भ्रष्टाचार मामले में अब तक 400 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है। इस मामले को ‘मूडा’ के नाम से भी जाना जाता है। इस मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी शामिल हैं।
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने इस मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को जारी समन रद्द कर दिया। प्रवर्तन निदेशालय ने इस आदेश के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर की। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर अपील आज मुख्य न्यायाधीश पी.आर. कवाई और विनोद चंद्रन की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई। इस सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने कहा, “कृपया हमें अपना मुँह खोलने पर मजबूर न करें, क्योंकि ऐसा करने पर हमें प्रवर्तन निदेशालय के बारे में कुछ कठोर टिप्पणियाँ करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
हमें महाराष्ट्र का कुछ अनुभव है।” न्यायाधीशों ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की अपील को खारिज करते हुए कहा, “इसलिए, देश भर में हो रहे राजनीतिक मुद्दों के लिए प्रवर्तन निदेशालय का इस्तेमाल करना बंद करें। राजनीतिक मुद्दों को चुनाव क्षेत्र तक ही सीमित रखें और प्रवर्तन निदेशालय का इस्तेमाल न करें।”






