
देहरादून, 25 जुलाई 2025:
उत्तराखंड राज्य के देहरादून के डीएम सविन बसंल की अध्यक्षता में गठित सड़क सुरक्षा समिति द्वारा यातायात एवं जनसुरक्षा के लिए मुसीबत बनीं 6 शराब की दुकानों के शिफ्टिंग के आदेश जारी किये थे। लाइसेंसी कोर्ट गए और आबकारी अधिकारी ने भी नियम विरुद्ध अपनी अलग से रिपोर्ट भेज दी। इस हरकत से नाराज डीएम ने अब आबकारी अधिकारी केपी सिंह के निलंबन की संस्तुति के साथ हाईलेवल जांच के लिए संस्तुति शासन को भेज दी है।
दरअसल पूरा मामला 27 मार्च 2025 को जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक से शुरू हुआ, जिसमें देहरादून के कुछ प्रमुख चौराहों पर शराब दुकानों को ट्रैफिक जाम और सड़क दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार माना गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधीक्षक (यातायात) की संस्तुति पर इन दुकानों के स्थानांतरण का निर्णय लिया गया। इसके बाद जिलाधिकारी ने आदेश जारी कर दुकानों को अन्यत्र स्थानांतरित करने के निर्देश दिए।
डीएम ने मुख्य सचिव को भेजी रिपोर्ट में बताया कि निर्देश के बाद भी जिला आबकारी अधिकारी ने दुकानों को अन्यत्र स्थानांतरित करने की कार्यवाही नहीं की। इसके बाद जिला प्रशासन ने दुकानों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित न किए जाने तक उनके लाइसेंस निलंबित कर दिए। आबकारी आयुक्त के यहां अपील में आयुक्त ने जिलाधिकारी के आदेश को यथावत रखते हुए निर्देश दिए कि दुकान स्थानांतरण के लिए अतिरिक्त समय प्रदान किया जाए।
इस बीच एक दुकानदार ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी। उधर, प्रमुख सचिव आबकारी ने जिलाधिकारी के आदेश को यथावत रखते हुए शराब की दुकानों के स्थानांतरण की समयावधि 30 जून से 31 जुलाई तक बढ़ा दी। डीएम ने शासन को बताया कि जिला आबकारी अधिकारी केपी सिंह ने किसी सक्षम अधिकारी के अनुमोदन के बिना ही उच्च न्यायालय के मुख्य स्थायी अधिवक्ता को रिपोर्ट भेज दी। इससे शासन-प्रशासन की रिपोर्ट पर ही सवाल खड़े हो गए हैं। अब इस रिपोर्ट के बाद न्यायालय की ओर से जिला प्रशासन से पूछा गया है कि आखिर किसके तथ्य सही हैं, सड़क सुरक्षा समिति या जिला आबकारी अधिकारी के। इसी के बाद डीएम ने शासन को आबकारी अधिकारी केपी सिंह के निलंबन की संस्तुति भेज दी है। अब शासन के फैसले का इंतजार हो रहा है।