नई दिल्ली, 26 जुलाई 2025
देश आज 26वीं करगिल विजय दिवस मना रहा है। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य नेताओं ने शनिवार को मातृभूमि के लिए प्राण न्योछावर करने वाले वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
साथ ही चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने भी बहादुर सैनिकों को सम्मानित किया। कारगिल विजय दिवस देश के सैनिकों के असाधारण पराक्रम और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि वह 1999 के कारगिल संघर्ष में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हैं। उन्होंने कहा कि देश के लिए सैनिकों का समर्पण और सर्वोच्च बलिदान हमारे नागरिकों को सदैव प्रेरित करता रहेगा।
कारगिल विजय दिवस के अवसर पर मैं मातृभूमि के लिए प्राण न्योछावर करने वाले वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। यह दिवस हमारे जवानों की असाधारण वीरता, साहस एवं दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। देश के प्रति उनका समर्पण और सर्वोच्च बलिदान देशवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा।
जय…
— President of India (@rashtrapatibhvn) July 26, 2025
कारगिल दिवस :
कारगिल विजय दिवस, जो हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है, 1999 के कारगिल युद्ध में भारत की कठिन जीत का सम्मान करता है। यह संघर्ष मई 1999 में शुरू हुआ जब पाकिस्तानी सेना ने आतंकवादियों के रूप में छिपकर भारत के कारगिल क्षेत्र में महत्वपूर्ण ऊंचाई वाले स्थानों पर गुप्त रूप से कब्जा कर लिया।
क्षेत्र पर नियंत्रण पुनः प्राप्त करने के लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय शुरू किया, जो कठोर मौसम की स्थिति में इन खतरनाक पर्वत चोटियों पर पुनः कब्जा करने के लिए एक चुनौतीपूर्ण अभियान था। लगभग दो महीने की भीषण लड़ाई के बाद भारत ने घुसपैठियों को सफलतापूर्वक खदेड़ दिया और 26 जुलाई 1999 को विजय की घोषणा की, हालांकि इस विजय में 527 वीर सैनिकों का बलिदान भी शामिल था।
यह दिन भारतीय सशस्त्र बलों की सामरिक क्षमता और सहनशक्ति को उजागर करता है तथा अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए भारत के संकल्प के एक मजबूत प्रतीक के रूप में देशभक्ति की प्रेरणा देता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह अवसर देश को उन सैनिकों के अद्वितीय साहस और वीरता की याद दिलाता है जिन्होंने देश के गौरव की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। उन्होंने कहा कि मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति देने की उनकी भावना हर पीढ़ी को प्रेरित करती है।
देशवासियों को कारगिल विजय दिवस की ढेरों शुभकामनाएं। यह अवसर हमें मां भारती के उन वीर सपूतों के अप्रतिम साहस और शौर्य का स्मरण कराता है, जिन्होंने देश के आत्मसम्मान की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। मातृभूमि के लिए मर-मिटने का उनका जज्बा हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा। जय…
— Narendra Modi (@narendramodi) July 26, 2025
कश्मीर और लद्दाख के बीच परिवहन संपर्क तोड़ने के इरादे से पाकिस्तानी सेना ने कारगिल की पहाड़ियों में गुप्त रूप से रणनीतिक ठिकानों पर कब्ज़ा कर लिया था। भारतीय सैनिकों ने उन्हें खदेड़ने के लिए सफलतापूर्वक ‘ऑपरेशन विजय’ चलाया। 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने लद्दाख के कारगिल की बर्फ से ढकी चोटियों में लगभग तीन महीने की लड़ाई के बाद विजय की घोषणा करते हुए ऑपरेशन विजय की सफल परिणति की घोषणा की। इस दिन को कारगिल युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत की याद में कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।