Madhya PradeshReligious

शेष शैय्या पर विराजमान हैं महादेव…साल में नागपंचमी पर्व पर ही खुलता है नागचंद्रेश्वर मंदिर

उज्जैन, 29 जुलाई 2025:

मध्य प्रदेश में महाकाल की नगरी उज्जैन में एक ऐसा मंदिर है जहां भगवान शिव शेष शैय्या पर विराजमान हैं। इसे सिर्फ नागपंचमी पर्व पर पट खुलने से पट बंद होने तक त्रिकाल पूजा के लिए खोला जाता है। इस खास दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटने पर पुलिस द्वारा रूट डायवर्जन किया गया है।

पूरे देश मे नाग पंचमी पर्व मनाया जा रहा है। पर्व पर नागों की पूजा का विशेष महत्व है। वहीं उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में एक ऐसा विशेष मंदिर है जो केवल इसी पर्व के लिए खोला जाता है। महाकाल मंदिर के गर्भगृह के ऊपर ओंकारेश्वर मंदिर और सबसे ऊपर नागचंद्रेश्वर मंदिर स्थित है। सिर्फ 24 घण्टे के लिये खुलने वाले इस मंदिर में लगभग दो लाख श्रद्धालु दर्शन पूजन के लिए पहुंचते है। नागचंद्रेश्वर मंदिर में त्रिकाल पूजा होती है। मंदिर के पट खुलते ही पहली पूजा श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाडे़ के महंत और बाकी अधिकारी करते हैं। वहीं दोपहर में अखाड़े द्वारा नागचंद्रेश्वर महादेव की पूजा की। शाम की आरती महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी और पुराहित करेंगे। इस त्रिकाल पूजा और भारी भीड़ जुटने की वजह से पुलिस ने रूट डायवर्जन लागू किया है।

मंदिर में स्थित प्रतिमा अद्वितीय है, जिसे नेपाल से लाया गया था। पूरी दुनिया में केवल यही वो मंदिर है जहां भोलेनाथ शेष शैय्या पर विराजमान हैं और उनके साथ माता पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, नंदी, सिंह, सूर्य और चंद्रमा की सुंदर मूर्तियां भी स्थापित हैं। यह दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर माना जाता है जहां भोलेनाथ इस रूप में विराजते हैं। मान्यता है कि नागराज तक्षक ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की थी। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर शिव ने उन्हें अमरत्व का वरदान दिया। इसके बाद तक्षक देव ने शिवजी के साथ ही रहना शुरू किया लेकिन शिवजी को यह प्रिय नहीं था क्योंकि वह एकांत और ध्यान के प्रेमी थे। तक्षक ने शिव की भावना को समझा और तभी से तय किया कि वह साल में सिर्फ एक बार नागपंचमी के दिन ही उनके दर्शन करने आएंगे। इसी परंपरा के कारण मंदिर के कपाट केवल इसी दिन खोले जाते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button