
देहरादून, 29 जुलाई 2025:
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में बिना रजिस्ट्रेशन चल रहे नशा मुक्ति केंद्रों पर कड़ा रुख अख्तियार किया है। सीएम ने एसटीएफ को अन्य विभागों की मदद से इन केंद्रों की जांच करने के निर्देश दिए है। ऐसे में मानक के विपरीत पाए जाने वाले केंद्र में हमेशा के लिये ताला डाल दिया जाएगा।
बता दें कि उत्तराखंड प्रदेश में 200 से अधिक नशा मुक्ति केंद्र संचालित हो रहे हैं। इनमें से केवल 136 केंद्र ही पंजीकृत हैं, जबकि 70 से अधिक केंद्र बिना रजिस्ट्रेशन के अवैध रूप से चलाए जा रहे हैं। इसका संज्ञान लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नशे के खिलाफ जारी अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए ऐसे नशा मुक्ति केंद्रों पर सख्ती करने का फैसला लिया है।
मुख्यमंत्री ने ANTF (एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स), राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण, STF (स्पेशल टास्क फोर्स) और अन्य संबंधित विभागों को आपसी समन्वय बनाकर संयुक्त कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि जो भी केंद्र मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं, उन्हें बंद किया जाएगा। STF के एसएसपी नवनीत भुल्लर ने बताया कि STF सभी संबंधित विभागों के साथ मिलकर ऐसे केंद्रों की पहचान करेगी जो तय मानकों की अनदेखी करते हुए संचालित हो रहे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि नशा मुक्ति केंद्रों में डॉक्टर विजिट, प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ, मनोचिकित्सक और अन्य आवश्यक मेडिकल सुविधाएं होना अनिवार्य है, लेकिन अधिकांश अपंजीकृत केंद्र इन मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। सरकार अब इस पूरे तंत्र को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए ठोस कार्ययोजना पर काम कर रही है।