
मुंबई, 14 अगस्त 2025
कल्याण-डोंबिवली नगर निगम ने स्वतंत्रता दिवस पर मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद मालेगांव, छत्रपति संभाजी नगर और नागपुर में भी इसी तरह के आदेश जारी किए गए हैं। महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन और विपक्षी दलों के नेताओं ने इस कदम की आलोचना की है।
उपमुख्यमंत्री और राकांपा प्रमुख अजित पवार ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस या महाराष्ट्र दिवस पर मांस की दुकानें बंद करना उचित नहीं है। चूँकि इन दिनों को धार्मिक त्योहारों के रूप में मान्यता नहीं दी जाती है, इसलिए किसी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुँचेगी। उन्होंने कहा कि कुछ समुदायों में सूखी मछली मिलाकर भोजन बनाने की परंपरा है।
अगर आषाढ़, एकादशी या महावीर जयंती पर मांस पर प्रतिबंध होता, तो यह समझ में आता। लेकिन, जब ऐसा कोई अवसर ही नहीं है, तो मांस की दुकानों को बंद करने के लिए क्यों मजबूर किया जा रहा है? हमारे देश में लोग सदियों से शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह का भोजन करते आ रहे हैं। ग्रामीण इलाकों और आदिवासी समुदायों के लोग त्योहारों के दौरान मांसाहारी भोजन का सेवन करते हैं, अजित पवार ने कहा।
शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने घोषणा की है कि वह 15 अगस्त को मांसाहारी भोजन करेंगे। नगर आयुक्तों को निलंबित कर देना चाहिए। उन्हें लोगों को यह बताने का कोई अधिकार नहीं है कि उन्हें क्या खाना चाहिए। अगरी और कोली जैसे समुदायों के लोग, जो नियमित रूप से मांसाहारी भोजन करते हैं, क्या करें? उन्होंने सवाल किया कि जब हिंदू धर्म लोगों को अपना भोजन चुनने की अनुमति देता है, तो महाराष्ट्र पर शाकाहार क्यों थोपा जा रहा है।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) नेता बाला नंदगांवकर ने सरकार से इस फैसले को वापस लेने की अपील की है।
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह सड़कों की खराब स्थिति, यातायात की भीड़ और प्रदूषण जैसे गंभीर मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने की सरकार की चाल है।






