
हरेंद्र दुबे
गोरखपुर, 22 अगस्त 2025 :
यूपी के गोरखपुर जिले में अफसर बेलगाम हो गए हैं। असर ये हुआ कि सीएम डैशबोर्ड की रैंकिंग में जिला फिसड्डी साबित हुआ वहीं जनसुनवाई कार्यक्रम को भी पलीता लग गया। इन हालातों को डीएम दीपक मीणा ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने जनसुनवाई के लिए आयोजित समाधान दिवस से गायब रहने वाले 39 अफसरों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।


बता दें कि सीएम डैशबोर्ड के कार्यों की समीक्षा में गोरखपुर की रैंकिंग में गिरावट आई है। एक दिन पहले डीएम ने सीएम डैशबोर्ड में जिले के बिछड़ने पर अधिकारियों की क्लास लेते हुए सबको कार्य पद्धति सुधार करने का निर्देश दिया था। डीएम ने सीएम डैशबोर्ड पर प्रदर्शित प्राप्तांक एवं ग्रेडिंग के आधार पर जिले में विकास कार्यों, निर्माण कार्यों और विभिन्न विभागों द्वारा संचालित फ्लैगशिप योजनाओं के प्रगति को तेज करने का निर्देश दिया है। जिलाधिकारी ने रैंकिंग में जिले की खराब स्थिति पर असंतोष व्यक्त किया तथा खराब प्रदर्शन करने वाले विभागों को कड़ी चेतावनी देकर कहा है कि वे अपना प्रदर्शन जल्द से जल्द बेहतर करें। यदि आगामी रैंकिंग में भी उनकी स्थिति बेहतर नहीं हुई उनके विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।
रैंकिंग में पिछड़े गोरखपुर के सरकारी विभागों के के अधिकारी जनता की समस्याओं के निदान में भी रुचि नहीं ले रहे। इससे नाराज होकर जिलाधिकारी दीपक मीणा ने 39 अधिकारियों के खिलाफ कारण बताओं नोटिस जारी कर दिया है। उन्होंने अधिकारियों से जनसुनवाई के दौरान जनता की समस्याओं के निराकरण के लिए सम्पूर्ण समाधान दिवस में मौजूद नहीं रहने का कारण पूछा है। दो दिनों के भीतर स्पष्ट जवाब नहीं मिलने पर इन अधिकारियों के खिलाफ डीएम स्तर से तो कार्रवाई हो ही सकती है, उनके द्वारा रिपोर्ट शासन को भेजने पर ऐसे अधिकारी किस बड़े दंड के भी भागी बन सकते हैं। फिलहाल डीएम की इस नोटिस से जिले में हड़कंप मचा है।






