अंशुल मौर्य
वाराणसी, 28 अगस्त 2025:
एक बार फिर गंगा नदी के उफान ने वाराणसी और आसपास के तटीय इलाकों को बाढ़ के संकट में डाल दिया है। गंगा के साथ वरुणा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से घाट पानी में डूब गए हैं। बस्तियों में पानी घुस गया है। जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक गंगा का जलस्तर 70.86 मीटर तक पहुंच गया है, जो चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर से करीब 60 सेंटीमीटर अधिक है। हर घंटे 2 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा जलस्तर प्रशासन और स्थानीय लोगों की चिंता का सबब बना हुआ है। जुलाई-अगस्त के महीने में यह तीसरी बार है, जब बाढ़ ने वाराणसी को अपनी चपेट में लिया है।
सीएम योगी करेंगे हवाई सर्वेक्षण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कल 29 अगस्त को वाराणसी पहुंचकर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेंगे। नमो घाट से नाव के जरिए गंगा और वरुणा के तटवर्ती इलाकों का निरीक्षण कर वह राहत कार्यों की समीक्षा करेंगे। इसके साथ ही, मॉरीशस के प्रधानमंत्री के आगमन की तैयारियों पर भी चर्चा करेंगे।
घाट जलमग्न, एहतियातन पुलिस तैनात
वाराणसी के प्रसिद्ध घाट बाढ़ की चपेट में हैं। दशाश्वमेध घाट पर जल पुलिस चौकी डूबने की कगार पर है, जबकि हरिश्चंद्र घाट की सीढ़ियां पूरी तरह जलमग्न हो चुकी हैं। अस्सी, मणिकर्णिका, सिंधिया, ललिता और नमो घाट पर भी पानी तेजी से चढ़ रहा है। श्रद्धालुओं को स्नान से रोकने के लिए पुलिस तैनात है, और नावों को तेज धारा से बचाने के लिए मजबूती से बांधा गया है।
लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया
गंगा और वरुणा के बढ़ते जलस्तर ने किनारे बसी बस्तियों को संकट में डाल दिया है। रामपुर के ढाब क्षेत्र की दलित बस्ती पूरी तरह पानी से घिर गई, जहां से 8 परिवारों के 50 लोगों को सुरक्षित निकालकर रामपुर प्राथमिक विद्यालय में बनाए गए राहत शिविर में पहुंचाया गया। प्रशासन ने शिविरों में भोजन, पानी और बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था की है। स्थानीय लोग बताते हैं कि इस बार की बाढ़ ने उनकी गृहस्थी और रोजी-रोटी छीन ली है।
सीएम के निरीक्षण के मद्देनजर डीएम सत्येंद्र कुमार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का नाव से दौरा किया और राहत कार्यों पर कड़ा रुख अपनाया। नमो घाट से आदिकेशव घाट, कोनिया, सरैया, सलारपुर और नक्खीघाट तक की स्थिति का जायजा लेते हुए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राहत शिविरों में किसी भी सुविधा की कमी न हो। लाउड हेलर के जरिए लोगों से नदी में स्नान से बचने और राहत शिविरों में शरण लेने की अपील की गई।
निरीक्षण के दौरान पुलिस और प्रशासन के अधिकारी, एनडीआरएफ और जल पुलिस की टीमें मौजूद रहीं। प्रशासन ने बाढ़ चौकियों को सक्रिय किया है। प्रभावित परिवारों तक खाद्य सामग्री व अन्य सहायता पहुंचाने का काम तेज कर दिया है।