
लखनऊ, 2 अक्टूबर 2025:
सहारा समूह बेहद बुरे दौर से गुजर रहा है। कुछ वर्ष पहले तक इस समूह की शान समझे जाने वाले गोमतीनगर स्थित सहारा शहर से जुड़ी भूमि नगर निगम अपने कब्जे में ले चुका है। अब सहारा के कर्मचारियों ने बकाया वेतन और अन्य मांगों को लेकर जोरदार आंदोलन छेड़ दिया।
गुस्साए कर्मचारियों ने गुरुवार को सहारा शहर के सातों मुख्य गेटों को अंदर से वेल्डिंग कर बंद कर दिया और बिजली–पानी की सप्लाई रोक दी। उनका कहना है कि जब तक वेतन, पीएफ और ग्रेच्युटी का भुगतान नहीं किया जाता, तब तक किसी भी गेट को नहीं खोला जाएगा। कर्मचारियों ने साफ चेतावनी दी कि उनकी रोजी–रोटी से जुड़े सवालों का समाधान किए बिना नगर निगम की कार्रवाई हजारों परिवारों को सड़क पर ला देगी।
मौके पर पहुंची पुलिस से कर्मचारियों की तीखी बहस हुई। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि प्रबंधन पूरी तरह से शून्य हो चुका है। सुब्रत रॉय के नजदीकी लोग पीछे के रास्तों से भाग खड़े हुए। कर्मचारियों का कहना है कि उनका संघर्ष किसी व्यक्तिगत या राजनीतिक मुद्दे से नहीं, बल्कि अपने बकाया हक की लड़ाई से जुड़ा है।
नगर निगम ने फिलहाल सहारा शहर पर कब्जे की प्रक्रिया जारी रखते हुए कार्रवाई और तेज कर दी है। दूसरी तरफ सहारा के कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर जल्द सुनवाई नहीं की गई तो आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।