लखनऊ/पटना, 16 अक्टूबर 2025:
यूपी की योगी सरकार में सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने बिहार विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से अलग होकर अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है। भाजपा द्वारा हाल ही में घोषित सीट बंटवारे में सुभासपा को एक भी सीट नहीं दिए जाने से पार्टी नेतृत्व नाराज है।


सुभासपा के अध्यक्ष एवं यूपी के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने गठबंधन से किनारा करते हुए स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का ऐलान किया। अब पार्टी ने बिहार की राजनीति में अपनी स्वतंत्र पहचान बनाने के लक्ष्य के साथ मैदान में उतरने का मन बनाया है। बुधवार को पार्टी ने पहले चरण की 47 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है, जबकि गुरुवार को दूसरी सूची जारी करने की तैयारी है।
राजभर का कहना है कि पार्टी पिछले दो वर्षों से बिहार में सक्रिय थी और लगातार रैलियां व जनसभाएं आयोजित कर रही थी। उन्होंने लंबे समय से भाजपा नेतृत्व से बिहार में एक दर्जन से अधिक सीटों की मांग की थी। उन्होंने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह, बिहार प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और विनोद तावड़े से कई दौर की बातचीत हुई, जिसमें सकारात्मक संकेत मिले।
राजभर ने आरोप लगाया कि उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया, जिसके कारण अंततः उन्हें अकेले चुनाव लड़ने का फैसला लेना पड़ा। उन्होंने कहा, “जब महाराष्ट्र से आने वाले केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले की पार्टी बिहार में अकेले चुनाव लड़ सकती है, तो सुभासपा क्यों नहीं।”
पार्टी प्रमुख के मुताबिक सुभासपा बिहार में कुल 153 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। उन्होंने दावा किया कि अधिकांश सीटों पर पार्टी के समर्थक मतदाताओं की मजबूत उपस्थिति है। वहीं, सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरविंद राजभर का कहना है कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने उन्हें पांच सीटों की पेशकश की थी, लेकिन भाजपा के साथ गठबंधन बनाए रखने की मंशा से उन्होंने इसे ठुकरा दिया था। उन्होंने भाजपा पर गठबंधन को बचाने में इच्छाशक्ति न दिखाने का आरोप लगाया।






