लखनऊ, 27 अक्टूबर 2025:
यूपी सरकार अब सड़क हादसों पर नकेल कसने के लिए हाईटेक तकनीक का सहारा लेने जा रही है। एक्सप्रेसवे, नेशनल और स्टेट हाईवे पर अब ऐसे अत्याधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे जो न केवल यातायात उल्लंघन पकड़ेंगे बल्कि सड़क सुरक्षा को भी स्मार्ट बनाएंगे।
वित्त मंत्रालय के निर्देश पर परिवहन विभाग ने इस दिशा में तैयारियां शुरू कर दी हैं। “स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट फॉर कैपिटल इंवेस्टमेंट” योजना के तहत नगर विकास विभाग, पुलिस, परिवहन विभाग, परिवहन निगम, लोक निर्माण विभाग, यूपीडा और यीडा मिलकर इस परियोजना को आगे बढ़ाएंगे।
योजना के तहत राज्य में हाई रिस्क कॉरिडोर, हाई डेंसिटी कॉरिडोर और क्रिटिकल जंक्शन की पहचान कर वहां इलेक्ट्रॉनिक इंफोर्समेंट डिवाइस लगाए जाएंगे।
हाई रिस्क कॉरिडोर : वे सड़कें जहां पिछले तीन वर्षों में कम से कम तीन हादसे हुए हों।
हाई डेंसिटी कॉरिडोर : ऐसे स्थान जहां बार-बार ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन होता है जैसे ओवरस्पीडिंग, रेड लाइट जंपिंग, गलत लेन में चलना या पैदल यात्रियों की अवहेलना।
क्रिटिकल जंक्शन : वे चौराहे जहां तीन वर्षों में कम से कम एक सड़क हादसा दर्ज हुआ हो।
लगाए जाएंगे ये हाईटेक उपकरण
ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन कैमरा, स्पीड कैमरा, एआई-बेस्ड वॉयलेशन डिटेक्शन सिस्टम (जैसे मोबाइल का इस्तेमाल, बिना हेलमेट ड्राइविंग, गलत दिशा में चलना), रेड लाइट डिटेक्शन कैमरा, डिजिटल साइनेज, वैरिएबल मैसेज साइन बोर्ड, बॉडी वार्न कैमरा, सीसीटीवी, डैशबोर्ड कैमरा, इंटरसेप्टर विद स्पीड गन और वे-इन-मोशन सेंसर लगाने की तैयारी है।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य पैदल यात्रियों, दोपहिया और साइकिल चालकों की सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को रोकना है। सरकार का दावा है कि यह योजना सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में “टेक्नोलॉजी ड्रिवन ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम” को नई दिशा देगी।






