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राष्ट्रगीत का स्मरणोत्सव : ‘वंदे मातरम्’ से गूंजा लोकभवन, सीएम बोले…गीत ने राष्ट्र माता को भारत से जोड़ा

राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूर्ण होने पर लोकभवन में आयोजित हुआ कार्यक्रम, गीत के रचयिता बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय से जुड़ी प्रदर्शनी का जायजा लिया। सीएम ने राष्ट्रगीत के सामूहिक गायन में हिस्सा लेकर स्वर में स्वर मिलाया।

लखनऊ, 7 नवंबर 2025:

राजधानी लखनऊ स्थित लोकभवन गुरुवार को राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ के 150 वर्ष पूर्ण होने पर स्मरणोत्सव का साक्षी बना। इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने गीत के रचयिता बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय से जुड़ी प्रदर्शनी का जायजा लिया और सैकड़ों लोगों के साथ राष्ट्रगीत के जोश भरे गायन में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि ये गीत हमें डेढ़ सौ साल से जगा रहा है। गीत ने राष्ट्र माता को भारत से जोड़ा और आजादी का अमर मंत्र बन गया।

Vande Mataram Celebration at Lok Bhavan
Vande Mataram Celebration at Lok Bhavan

मुख्यमंत्री ने राष्ट्रगीत के रचयिता बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय को नमन करते हुए कहा कि वंदे मातरम्’ भारत की भक्ति और शक्ति की सामूहिक शाश्वत अभिव्यक्ति है। यह गीत हमें डेढ़ सौ साल से जगा रहा है। इसने राष्ट्र माता को भारत से जोड़ा और आज़ादी का अमर मंत्र बन गया। जब विदेशी शासन ने वर्ष 1905 में बंग-भंग का निर्णय लिया था, तब ‘वंदे मातरम्’ ने भारतीयों के हृदय में एक नई ऊर्जा जगाई। इस गीत ने पूरे देश को एक सूत्र में बांधकर आज़ादी की लड़ाई को नई दिशा दी।

सीएम ने कहा कि जब भारत का हर नागरिक अपने स्वार्थ से ऊपर उठकर राष्ट्रहित में कार्य करता है, जब एक शिक्षक अपने छात्र को संस्कारवान बनाता है, जब एक सैनिक निस्वार्थ भाव से सीमा की रक्षा करता है तब वे सब अपने-अपने ढंग से ‘वंदे मातरम्’ का ही गान कर रहे होते हैं। उन्होंने इसे केवल एक गीत नहीं, बल्कि एकता और कर्तव्य का मंत्र बताया। सीएम ने कहा कि यह गीत हर भारतीय हृदय में मातृभूमि के प्रति श्रद्धा, समर्पण और जिम्मेदारी की भावना जगाता है। समारोह में ‘वंदे मातरम्’ के इतिहास, साहित्य और प्रेरणा पर केंद्रित प्रदर्शनी ने लोगों का ध्यान खींचा।

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