उन्नाव, 13 नवंबर 2025:
अवैध खनन और ओवरलोड ट्रकों को बचाने में मदद करने वाले एक बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ है। कानपुर एसटीएफ ने ऐसे गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जो मौरंग और गिट्टी लदे ट्रक व डंपरों के मालिकों को व्हाट्सएप पर एआरटीओ और खनन विभाग की टीमों की लोकेशन भेजते थे। एसटीएफ ने सदर कोतवाली में 22 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है।
गिरोह को गदनखेड़ा बाईपास से पकड़ा गया। इनमें उन्नाव के दो, कानपुर के घाटमपुर के दो और एक आरोपी हमीरपुर का है। गिरोह का सरगना उन्नाव निवासी है, जो इस कार्रवाई के दौरान फरार हो गया। आरोपियों में उसका छोटा भाई भी शामिल है। गिरोह के सदस्य व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर अवैध खनिज लदे वाहनों का संचालन करते थे। वे एआरटीओ प्रवर्तन और खनन विभाग की चेकिंग टीमों का कारों से पीछा कर उनकी लोकेशन वाहन मालिकों को भेजते थे, ताकि ट्रक चेकिंग से बच सकें।
एसटीएफ उपनिरीक्षक राहुल सिंह परमार के नेतृत्व में टीम ने बुधवार सुबह हाईवे स्थित जी स्कूल के पास छापा मारकर आरोपियों को गिरफ्तार किया। स्थानीय पुलिस की मदद से नियाज अहमद उर्फ अमन, तारिक हुसैन (दोनों उन्नाव निवासी), सुनील सचान और प्रदीप सिंह (कानपुर घाटमपुर निवासी), तथा श्रीकृष्ण (हमीरपुर निवासी) को पकड़ा गया।
गिरफ्तारी के दौरान सात मोबाइल फोन, दो कारें, एक डंपर और 13,800 नकद बरामद किए गए। जांच में मोबाइल फोनों से ऑनलाइन लेनदेन के सबूत भी मिले हैं। कोतवाल संजीव कुशवाहा ने बताया कि एसटीएफ की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया है। पुलिस के अनुसार, यह गिरोह पिछले दो वर्षों से इस अवैध काम में सक्रिय था।






