लखनऊ, 14 नवंबर 2025 :
डायबिटीज अब सिर्फ एक बीमारी नहीं रही, बल्कि यह भारत और पूरी दुनिया में एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बन गई है। हर साल इसके मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। खासकर भारत में इसे लेकर चिंता बढ़ रही है, इसलिए इसे कभी-कभी ‘डायबिटीज कैपिटल’ भी कहा जाता है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की रिपोर्ट के अनुसार, देश में लगभग 10 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं और आने वाले सालों में यह संख्या और बढ़ने की संभावना है।
कैसे बढ़ रही है समस्या?
विशेषज्ञ बताते हैं कि गड़बड़ लाइफस्टाइल इसका सबसे बड़ा कारण है। लंबे समय तक बैठे रहना, ज्यादा जंक फूड खाना, स्ट्रेस और शारीरिक गतिविधियों की कमी डायबिटीज के खतरे को बढ़ाती है। हाई ब्लड शुगर न केवल शरीर की एनर्जी को प्रभावित करती है बल्कि हार्ट, आंखों, नर्व और किडनी पर भी गंभीर असर डाल सकती है।
किडनी पर डायबिटीज का असर
डायबिटीज के मरीजों में किडनी की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 30-40% डायबिटिक मरीजों में किसी न किसी रूप में किडनी की समस्या पाई जाती है। ज्यादा शुगर होने पर किडनी को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और समय के साथ उसकी क्षमता घटती जाती है। अगर हाई ब्लड प्रेशर भी है तो खतरा और बढ़ जाता है। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के अनुसार, ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर दोनों को कंट्रोल करना सबसे जरूरी है।

कौन ज्यादा जोखिम में?
डॉक्टर बताते हैं कि हर डायबिटीज मरीज को किडनी की बीमारी नहीं होती, लेकिन खतरे वाले लोगों में शामिल हैं:
लंबे समय से डायबिटीज वाले
हाई ब्लड प्रेशर वाले
मोटापा या धूम्रपान करने वाले
जिनके परिवार में डायबिटीज या किडनी रोग का इतिहास है
पुरुषों में यह खतरा महिलाओं की तुलना में ज्यादा होता है
कैसे बचाएं अपनी किडनी?
किडनी को सुरक्षित रखने के लिए कुछ आसान कदम हैं:
ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर नियमित चेक करें
नमक का सेवन कम करें
रोजाना कम से कम 30 मिनट तेज वॉक करें
हरी सब्जियां, फाइबर वाले फल और साबुत अनाज खाएं
धूम्रपान और अल्कोहल से दूर रहें
साल में कम से कम एक बार किडनी फंक्शन टेस्ट कराएं
क्या है विश्व मधुमेह दिवस का इतिहास?
हर साल 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस (World Diabetes Day) मनाया जाता है। यह दिन सर फ्रेडरिक बैंटिंग के जन्मदिन पर रखा गया, जिन्होंने इंसुलिन की खोज की थी। 1991 में International Diabetes Federation और WHO ने इसे शुरू किया और 2006 में United Nations ने इसे आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया।
विश्व मधुमेह दिवस 2025 की थीम
इस साल की थीम है “Diabetes and Well-Being”, यानी सिर्फ मधुमेह पर ध्यान नहीं बल्कि पूरी हेल्थ का ख्याल रखना। इस दिन जागरूकता बढ़ाने, स्क्रीनिंग कराने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने पर जोर दिया जाता है।
डायबिटीज एक साइलेंट किलर है, जो धीरे-धीरे शरीर के अंगों पर असर डालता है। इसलिए समय पर चेतना और सही आदतें अपनाना बेहद जरूरी है।
डिस्क्लेमर: इस खबर में दी गई जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध खबरों आधारित है। thehohalla इसकी पुष्टि पर कोई दावा नहीं करता है।






