लखनऊ, 15 नवंबर 2025:
यूपी की राजधानी में बिजली वितरण प्रणाली को पारदर्शी और उपभोक्ता हितैषी बनाने के मकसद से आज से नई वर्टिकल व्यवस्था लागू कर दी गई। इस नई व्यवस्था का सबसे बड़ा लाभ यह है कि अब उपकेंद्र के कर्मचारी मनमाने ढंग से घर या दुकानों में बिजली चोरी की जांच के बहाने नहीं पहुंच सकेंगे।
किसी भी प्रकार की जांच का अधिकार अब केवल वर्टिकल के अधिशासी अभियंता (रेड) और पुलिस प्रवर्तन की संयुक्त टीम के पास होगा। यदि कोई उपकेंद्र कर्मचारी अनधिकृत रूप से जांच करने आए तो उपभोक्ता तुरंत 1912 पर शिकायत कर सकेंगे, जिस पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम की एमडी रिया केजरीवाल ने शनिवार को नई व्यवस्था का निरीक्षण किया और हुसैनगंज स्थित बिलिंग एवं कलेक्शन कार्यालय में कर्मचारियों से बातचीत की। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब बिजली चोरी पर पहले से अधिक सख्ती बरती जाएगी लेकिन यह कार्रवाई केवल अधिकृत अधिकारियों द्वारा ही की जाएगी।
एमडी ने उपभोक्ताओं को कार्यालयों के चक्कर लगाने से बचने की सलाह देते हुए कहा कि वे सीधे अपने क्षेत्रीय हेल्प डेस्क पर शिकायत दर्ज कराएं। समस्या समाधान के बाद फोन पर रेंडम फीडबैक भी लिया जाएगा, ताकि लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
वर्टिकल व्यवस्था के तहत कर्मचारी केवल वही कार्य करेंगे जो उन्हें औपचारिक रूप से आवंटित किए गए हैं। उपकेंद्र का एसडीओ, जेई या लाइनमैन अब बिना कारण किसी भी घर या दुकान में जांच करने नहीं जा सकेगा। इसके लिए अधीक्षण अभियंता (वाणिज्य) और अधीक्षण अभियंता (तकनीकी) की नियुक्ति भी की गई है।
एमडी ने निदेशक योगेश कुमार और हरीश बंसल के साथ लखनऊ के अमौसी, हुसैनगंज, जानकीपुरम, और गोमतीनगर जोन में बने वर्टिकल कार्यालयों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं की समीक्षा की।






