लखनऊ, 19 नवंबर 2025:
यूपी की राजधानी लखनऊ बुधवार को दिव्यांगजनों की आवाज से गूंज उठा। यूपी के विभिन्न जिलों से आए सैकड़ों दिव्यांगजन हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर जुटे और दिव्यांग महागठबंधन के बैनर तले जोरदार प्रदर्शन किया। इनका कहना था कि सरकार ने उनका नाम बदल दिया पर हालात नहीं। न नौकरी मिली, न सम्मान, न ही सुविधाएं।
सरकार हमें भीख नहीं, नौकरी दे, जीने का हक दे… इसी मांग के साथ प्रदर्शनकारी अपने 27 सूत्री मांगपत्र पर सरकार से ठोस कदम की मांग कर रहे थे। प्रमुख मांगों में 5,000 रुपये मासिक पेंशन, सरकारी नौकरियों में आरक्षण बढ़ाकर 10% करने और 2022 में लेखपाल परीक्षा पास करने वालों को तत्काल नियुक्तिपत्र देने की मांग शामिल है।
संगठन के महासचिव वीरेंद्र कुमार ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की लापरवाही के कारण 188 सीटों पर चयनित दिव्यांग अभ्यर्थी अब तक नियुक्तिपत्र का इंतजार कर रहे हैं। सिर्फ आश्वासन मिलता है, कार्रवाई कुछ नहीं।
उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन नौकरी, रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा, रोटी-कपड़ा-मकान की 100% गारंटी देने वाला सामाजिक समानता कानून चाहते हैं। साथ ही घरों में निशुल्क बिजली मीटर लगाने और बिजली बिल से 100% छूट की मांग भी प्रमुख रही। वीरेंद्र कुमार ने कहा कि अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं, तो इस बार चुनाव में प्रदेश के 54 लाख दिव्यांग वोट शक्ति से सरकार को सबक सिखा देंगे।






