Lucknow City

जनेश्वर मिश्र पार्क के व्यावसायीकरण के खिलाफ सड़क पर उतरे सपा कार्यकर्ता, झड़प के बाद एक्शन में आई पुलिस

लखनऊ के हजरतगंज में प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर पुलिस ने भेजा ईको गार्डन, सपा मुखिया अखिलेश यादव ने किया था सरकार की इस संभावित योजना का तीखा विरोध

लखनऊ, 3 दिसंबर 2025:

यूपी की राजधानी लखनऊ के प्रमुख हरित क्षेत्र जनेश्वर मिश्र पार्क को निजी हाथों में सौंपने की संभावित कोशिशों के खिलाफ बुधवार दोपहर एक बार फिर विरोध की लहर उठी। समाजवादी छात्र सभा के कार्यकर्ताओं ने हजरतगंज में प्रदेश सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने पार्क के व्यावसायीकरण के प्रयासों पर गंभीर सवाल उठाए। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने ऑक्सीजन मास्क पहनकर प्रतीकात्मक विरोध जताया। यह संदेश दिया कि हरित क्षेत्र के नुकसान का सीधा असर शहर की हवा और स्वास्थ्य पर पड़ेगा।

हाथों में बैनर और पोस्टर लिए प्रदर्शनकारी जब मुख्य सड़क पर आगे बढ़े तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इस बीच दोनों पक्षों में हल्की झड़प भी हुई। नारेबाजी के बढ़ते तेवरों को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल बुलाया गया, जिसके बाद कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर पुलिस ने बसों में भरकर ईको गार्डन भेज दिया।

यह विरोध अचानक नहीं हुआ। तीन दिन पहले ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर सरकार की इस संभावित योजना का तीखा विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि पार्क को इवेंट्स और व्यावसायिक गतिविधियों के लिए उपलब्ध कराना न केवल पर्यावरण के लिए घातक होगा, बल्कि इससे लखनऊ की हरियाली और स्वच्छ हवा पर व्यापक असर पड़ेगा। अखिलेश यादव ने इसे नागरिक आंदोलन बनाने की अपील करते हुए कहा था कि यदि केवल राजनीतिक दल विरोध करेंगे तो सरकार इसे राजनीतिक रंग देकर असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करेगी।

सपा मुखिया ने यह भी आरोप लगाया था कि जनेश्वर मिश्र पार्क केवल शुरुआत है और भविष्य में शहर तथा प्रदेश के अन्य प्रमुख पार्क भी ठेकेदारों और इवेंट कंपनियों की पकड़ में आ सकते हैं। उनके अनुसार बड़े आयोजनों के बाद होने वाली गंदगी, कूड़ा-कचरा और प्रदूषण की मार अंततः स्थानीय निवासियों को ही झेलनी पड़ेगी।

जनेश्वर मिश्र पार्क लखनऊ के सबसे बड़े और लोकप्रिय हरित स्थलों में से एक है। इसलिए इसके व्यावसायीकरण की संभावना ने स्थानीय पर्यावरण प्रेमियों और नागरिकों में चिंता बढ़ा दी है। बुधवार का प्रदर्शन इस बढ़ती नाराजगी का ही संकेत है जो आने वाले दिनों में और तेज हो सकता है।

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