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लेखपालों का हंगामा…एसडीएम पर जबरन काम कराने का आरोप, रातभर चला धरना

एसडीएम धामिनी एम. दास ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया, उन्होंने कहा कि किसी को बंधक नहीं बनाया गया, बल्कि सिर्फ लंबित काम पूरा करने के लिए चेंबर में बैठाया गया था

सीतापुर, 4 दिसंबर 2025:

सीतापुर की सदर तहसील में बुधवार देर शाम लेखपालों और एसडीएम सदर धामिनी एम. दास के बीच विवाद गहरा गया। लेखपालों ने एसडीएम पर तानाशाही रवैया अपनाने और जबरन काम कराने का आरोप लगाते हुए तहसील परिसर में ही धरना शुरू कर दिया। देखते ही देखते देर रात तक बड़ी संख्या में लेखपाल तहसील पहुंच गए और नारेबाजी शुरू कर दी।

लेखपाल कुलदीप ने आरोप लगाया कि उनके दो साथी सदर तहसील के रमाकांत और हरगांव के दीपक को एसडीएम ने चेंबर में रोककर SIR का लंबित काम पूरा कराने का दबाव बनाया। उनका कहना है कि दोनों को यह भी कहा गया कि जब तक काम खत्म नहीं होगा, उन्हें बाहर नहीं जाने दिया जाएगा। कुलदीप ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें खाना-पानी का मौका तक नहीं दिया गया। हालांकि रमाकांत और दीपक ने बताया कि उन्हें भोजन और पानी दिया गया है। लेकिन कुलदीप का दावा है कि उन्होंने यह बयान दबाव में दिया है।

उधर, एसडीएम धामिनी एम. दास ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि किसी को बंधक नहीं बनाया गया, बल्कि सिर्फ लंबित काम पूरा करने के लिए चेंबर में बैठाया गया था। एसडीएम ने बताया कि दोनों लेखपालों को एक सप्ताह से लंबित कार्य पूरा करने की कई बार याद दिलाई गई थी, लेकिन वे टालमटोल कर रहे थे।

एसडीएम का कहना है कि लेखपाल दीपक के खिलाफ शिकायत भी मिली थी और वह फोन पर उपलब्ध नहीं हो रहे थे, इसलिए उन्हें कार्यालय में बैठकर काम पूरा करने को कहा गया। उनके अनुसार, दोनों ने दिनभर में वही काम पूरा कर दिया जो एक सप्ताह से पेंडिंग था, और उन्हें नियमित रूप से खाना- पानी उपलब्ध कराया गया। फिलहाल इस बीच, लेखपालों का विरोध और धरना देर रात तक तहसील में जारी रहा।

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