रामपुर, 7 दिसंबर 2025:
यूपी की सियासत में एक समय बेहद प्रभावशाली रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान की सेहत एक बार फिर गंभीर चिंता का विषय बन गई है। रामपुर जेल में बंद आजम की तबीयत बिगड़ने पर जिला अस्पताल की मेडिकल टीम विशेष जांच के लिए जेल पहुंची लेकिन उन्होंने किसी भी तरह की चिकित्सीय जांच कराने से साफ इनकार कर दिया। जेल प्रशासन और डॉक्टरों की यह कोशिश नाकाम रहने के बाद प्रशासनिक हलकों में हलचल मच गई।
जिला अस्पताल से फिजिशियन डॉ. हसीब और सर्जन डॉ. आरिफ शनिवार को जेल पहुंचे थे। दोनों डॉक्टरों को निर्देश था कि वे आजम खान की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट तैयार करें। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आजम ने कहा कि उन्हें जांच नहीं करानी है। इसके बाद मेडिकल टीम को बिना जांच लौटना पड़ा।
बताया जा रहा है कि कई दिनों से आजम की तबीयत अस्थिर बनी हुई है। उन्हें नियमित दवाइयां दी जा रही हैं लेकिन उनकी स्वास्थ्य स्थिति को लेकर लगातार चिंता बढ़ती जा रही है। जेल भेजे जाने से पहले भी वे दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज करवाते रहे थे। जेल अधिकारियों के अनुसार डॉक्टरों की सलाह के बावजूद उनका लगातार उपचार से दूरी बनाना स्थिति को और गंभीर बना सकता है।
दिलचस्प बात यह है कि इससे पहले आजम खान ने अपने परिवार के सदस्यों से मिलने से इनकार कर दिया था। वर्तमान में वे और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम सात साल की सजा काट रहे हैं। दो पैन कार्ड रखने का आरोप के आरोप में उन्हें सजा हुई है।
उधर, 2017 में भारतीय सेना पर कथित विवादित बयान देने के मामले में भी कानूनी कार्यवाही अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट में शनिवार को इस प्रकरण में दोनों पक्षों की बहस पूरी हुई। अदालत ने 11 दिसंबर को फैसला सुनाने की तारीख निर्धारित कर दी है। भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई थी जिसके आधार पर पुलिस ने जांच पूरी कर आरोप पत्र प्रस्तुत किया था।
इसी बीच अभियोजन पक्ष ने आजम और उनके बेटे को मिली सात साल की सजा को बढ़ाने के लिए भी अपील दायर की है। यह अपील 23 दिसंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की गई है। एडीजीसी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि अदालत में सभी आवश्यक तथ्य प्रस्तुत किए जाएंगे।






