मनोरंजन डेस्क, 8 दिसंबर 2025 :
बॉलीवुड की वह अदाकारा, जिसने परदे पर अपनी मुस्कान से दिल जीते और असल जिंदगी में अपने फैसलों से दुनिया को हैरान कर दिया। फिल्मी दुनिया का एक ऐसा नाम, जिसने महज 13 साल की उम्र में कैमरे का जादू समझा और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। रवींद्रनाथ टैगोर के परिवार से आई इस ब्यूटी ने न सिर्फ अपनी अदाकारी से इतिहास रचा, बल्कि प्यार के लिए अपना धर्म बदलकर ‘बेगम आएशा सुल्ताना’ बन गईं। उस बोल्ड और बेबाक अभिनेत्री का नाम शर्मिला टैगोर है। आज उनके 81वें जन्मदिन पर आइए जानते हैं उनकी जिंदगी के कुछ दिलचस्प किस्से…
शर्मिला टैगोर का रॉयल जन्म और टैगोर खानदान की विरासत
8 दिसंबर 1944 को कानपुर में जन्मीं शर्मिला टैगोर ऐसे प्रतिष्ठित टैगोर खानदान से ताल्लुक रखती हैं, जहां से साहित्य के दिग्गज रवींद्रनाथ टैगोर, पेंटर गगनेंद्रनाथ और चित्रकार अवनींद्र नाथ टैगोर और सिनेमा की लेजेंड देविका रानी निकलीं। पिता गितिंद्रनाथ ब्रिटिश इंडिया कॉर्पोरेशन में जनरल मैनेजर थे। तीन बहनों में सबसे बड़ी शर्मिला बचपन से ही डांस, ड्रामा और स्टेज एक्टिविटीज़ में आगे रहती थीं। एक स्कूल कार्यक्रम में तो उन्हें जवाहरलाल नेहरू को गुलाब लगाने का मौका तक मिला था।

13 साल की उम्र में मिली पहली फिल्म
कहानी फिल्मी मोड़ तब लेती है जब महान निर्देशक सत्यजीत रे अचानक उनके घर पहुंचते हैं और शर्मिला को अपनी फिल्म में लेने की इच्छा जाहिर करते हैं। पिता ने तुरंत मंजूरी दी और सिर्फ 13 साल की उम्र में अपुर संसार (1959) से शर्मिला स्क्रीन पर आ गईं। बाद में रे ने देवी में भी उन्हें कास्ट किया। फिल्मों में व्यस्तता के चलते स्कूल प्रिंसिपल ने आपत्ति जताई और कहा कि उनका करियर बाकी छात्रों पर “गलत असर” डाल रहा है। मजबूरन उन्होंने स्कूल बदला और बाद में कॉलेज तक में पढ़ाई-एक्टिंग में से एक चुनने का दबाव झेला-लेकिन उन्होंने एक्टिंग नहीं छोड़ी।
बिकिनी फोटोशूट से हिल गया था देश
6 बंगाली फिल्मों के बाद शर्मिला ने 1964 में कश्मीर की कली से हिंदी फिल्मों में कदम रखा और शम्मी कपूर के साथ उनकी जोड़ी पसंद की गई। इसके बाद वे वक्त, अनुपमा, देवर, सावन की घटा जैसी फिल्मों में लगातार छा गईं। 1966 में उन्होंने फिल्मफेयर के लिए ब्लैक-एंड-व्हाइट बिकिनी फोटोशूट किया भारतीय फिल्म जगत की यह पहली बोल्ड तस्वीर थी। फिर 1967 में एन ईवनिंग इन पेरिस में वह स्क्रीन पर बिकिनी पहनने वाली पहली इंडियन एक्ट्रेस बन गईं। इस फोटोशूट पर संसद तक में सवाल उठे, उन्हें “अश्लीलता” फैलाने का आरोप झेलना पड़ा, लेकिन शर्मिला ने हमेशा कहा कि उन्हें अपने फैसले पर कोई पछतावा नहीं है।
धर्म परिवर्तन के बाद हुई शादी
1965 में एक आफ्टर मैच पार्टी में क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी से उनकी पहली मुलाकात हुई। नवाब ने इंप्रेस करने के लिए शर्मिला को एक साथ 8 फ्रिज तक भिजवाए, लेकिन बात नहीं बनी। धीरे-धीरे मैसेज, मुलाकातें और फिर एक साथ ट्रिप पर जाना, दोनों की नजदीकियां बढ़ती गईं। पटौदी की मां मुंबई आने वाली थीं और शहर में शर्मिला के बिकिनी पोस्टर लगे थे, ऐसे में उन्होंने प्रोड्यूसर्स से पोस्टर हटवाने तक की रिक्वेस्ट कर दी। पेरिस में नवाब ने शादी के लिए प्रपोज किया तो शर्मिला ने जवाब में शर्त रख दी-“एक मैच में तीन छक्के मारकर दिखाइए।” नवाब ने हैट्रिक लगाई और 27 दिसंबर 1968 को दोनों ने शादी कर ली। शादी के लिए शर्मिला ने इस्लाम कबूल किया और नाम रखा गया-बेगम आएशा सुल्ताना। शादी के दौर में कई एक्ट्रेसेस फिल्में छोड़ देती थीं, लेकिन शर्मिला ने आराधना, अमर प्रेम, आ गले लग जा, मौसम, चुपके-चुपके जैसी सुपरहिट फिल्में शादी के बाद कीं। उन्होंने कहा था कि मंसूर अली खान बेहद लिबरल थे और उन्होंने कभी रोक-टोक नहीं की। सैफ अली खान, सोहा अली खान और जूलरी डिजाइनर सबा उनकी संतानें हैं।
विशाल संपत्ति की मालिक हैं शर्मिला
शर्मिला टैगोर आज देश की धनवान सेलिब्रिटी हस्तियों में गिनी जाती हैं। उनकी कुल संपत्ति लगभग 5,000 करोड़ रुपये आँकी जाती है। गुरुग्राम से करीब 25 किलोमीटर दूर स्थित मशहूर पटौदी पैलेस की कीमत ही करीब 800 करोड़ रुपये बताई जाती है। इसके अलावा पटौदी खानदान की भोपाल में फैली करीब 2,700 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी भी उनकी ही देखरेख में है। इस संपत्ति में कई ऐतिहासिक पैलेस, मस्जिदें, दरगाह, कब्रिस्तान और सरकारी दफ्तरों वाली जमीनें शामिल हैं। पटौदी पैलेस फिल्मों और वेब सीरीज की शूटिंग के लिए भी पसंदीदा लोकेशन रहा है-फिल्म वीर-जारा, रंग दे बसंती, और सीरीज तांडव समेत कई प्रोजेक्ट यहां फिल्माए गए। इन शूटिंग्स से होने वाली कमाई सीधे शर्मिला टैगोर के पास जाती है, जिससे उनकी संपत्ति और भी मजबूत होती है।






