लखनऊ, 8 दिसंबर 2025:
इंडिगो एयरलाइंस के परिचालन संकट के बीच यूपी की राजधानी लखनऊ के चौधरी चरण सिंह (अमौसी) इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक दर्दनाक घटना हुई। फ्लाइट्स रद्द होने की अफरातफरी के बीच कानपुर के रहने कोका कोला कंपनी के फाइनेंस एक्जीक्यूटिव 45 वर्षीय अनूप पांडेय की अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि यदि एयरपोर्ट पर उचित चिकित्सा सुविधा मौजूद होती तो शायद उनकी जान बचाई जा सकती थी।
पुलिस के अनुसार अनूप पांडेय शुक्रवार रात एयरपोर्ट पर अपनी बेंगलूरू की कनेक्टिंग फ्लाइट पकड़ने पहुंचे थे। लगातार उड़ानें रद्द होने की वजह से वह तनाव में थे। देर रात उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। तुरंत उन्हें लोकबंधु अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
अनूप मूल रूप से कानपुर के कल्याणपुर के रहने वाले थे। बेंगलूरू में कार्यरत अनूप पत्नी पूजा, बेटी श्रेया और बेटे पारस के साथ वहीं रहते थे। पांच दिन पहले वे कानपुर में एक रिश्तेदार की तेरहवीं में शामिल होने आए थे। शुक्रवार शाम वे कानपुर से लखनऊ निकले थे। रात में उनकी पत्नी से आखिरी बार सामान्य बातचीत हुई, जिसमें उन्होंने फ्लाइट का इंतजार करने की बात कही। रात 11 बजे जब पूजा ने दोबारा फोन किया तो उन्हें पति के निधन की सूचना मिली।
रविवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। अनूप का पार्थिव शरीर जब कल्याणपुर स्थित घर पहुंचा तो वहां मातम पसर गया। अनूप के भाई अनिल पांडेय ने एयरपोर्ट अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि घटना के बाद एयरपोर्ट प्रबंधन से सीसीटीवी फुटेज और संबंधित जानकारी मांगी लेकिन किसी ने सहयोग नहीं किया। अनिल का कहना है कि यदि एयरपोर्ट परिसर में डॉक्टर उपलब्ध होता तो मेरे भाई की जान बच सकती थी। उन्होंने यह भी बताया कि एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से केवल इतना कहा गया कि अनूप को हार्ट अटैक आया था।
फ्लाइटें रद्द होने के कारण अनूप की पत्नी और बच्चे टैक्सी से लंबा सफर तय कर कानपुर पहुंचे। इस घटना ने एयरपोर्ट पर आपातकालीन चिकित्सा सुविधाओं और यात्रियों की सुरक्षा पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यात्रियों और अनूप के परिजनों ने उच्चस्तरीय जांच और एयरपोर्ट प्रबंधन की जवाबदेही तय करने की मांग की है।






