लखनऊ, 8 दिसंबर 2025:
कोडीनयुक्त कफ सीरप की तस्करी और दुरुपयोग के खुलासे के बाद इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने व्यापक कार्रवाई शुरू कर दी है। सोमवार को लोक भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपर मुख्य सचिव गृह संजय प्रसाद, डीजीपी राजीव कृष्ण और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) विभाग की सचिव रोशन जैकब ने महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।
अपर मुख्य सचिव संजय प्रसाद ने बताया कि इस मामले की गहन जांच के लिए प्रदेश स्तर पर एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जा रहा है। इसका नेतृत्व प्रदेश के एक आईजी रैंक के अधिकारी करेंगे। यह एसआईटी तस्करी के पूरे नेटवर्क, उनके वित्तीय संबंधों और अंतर्जनपदीय व अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन की जांच करेगी।

डीजीपी राजीव कृष्ण ने बताया कि राज्य में ड्रग माफिया के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है। अब तक कोडीनयुक्त सिरप की अवैध बिक्री और तस्करी से जुड़े 128 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। कई जिलों में छापेमारी के दौरान यह सामने आया कि कुछ स्टॉकिस्ट और मेडिकल स्टोर्स बिना डॉक्टर की पर्ची के कोडीनयुक्त सिरप को काले बाजार में बेच रहे थे।
डीजीपी ने बताया कि इस मामले में पांच मुख्य आरोपियों में से तीन को गिरफ्तार कर लिया गया है। शेष के खिलाफ कार्रवाई जारी है। 32 अन्य गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं। विदेश भागे आरोपियों के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
उन्होंने यह भी खुलासा किया कि कफ सीरप तस्करी के जरिए बांग्लादेश और नेपाल तक पहुंचने के इनपुट मिले हैं। प्रदेश में पकड़े गए नेटवर्क की वित्तीय ट्रेल खंगालने के लिए अलग से एक्सपर्ट टीम लगाई गई है। सोनभद्र में एक ट्रक भरकर सिरप पकड़ा गया था। वह बिना किसी वैध डॉक्यूमेंट के परिवहन किया जा रहा था। अब तक लगभग 3.5 लाख रुपए की रिकवरी हुई है
एफएसडीए सचिव रोशन जैकब ने बताया कि जांच में अनियमितताएं पाए जाने पर 280 मेडिकल लाइसेंस निरस्त किए जा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोडीनयुक्त कफ सीरप पर प्रतिबंध नहीं है लेकिन डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन और स्टॉक के सही कागजात रखना अनिवार्य है। करीब 40 जिलों में 300 से अधिक विक्रेताओं की जांच हो चुकी है। कई अन्य राज्यों में भी टीमें भेजकर सप्लाई चेन की पुष्टि की गई है। उन्होंने कहा कि छोटे व्यापारियों को परेशान करना विभाग का उद्देश्य नहीं है। कार्रवाई केवल उन पर की जा रही है जिन्होंने नियमों का घोर उल्लंघन किया।
उन्होंने बताया कि सुल्तानपुर और लखनऊ को इस अवैध नेटवर्क का प्रमुख केंद्र पाया गया है। चार बड़े चैनलों की पहचान कर उन्हें प्रभावी रूप से ध्वस्त किया गया है। राज्य सरकार ने दोहराया कि नशे के लिए दवाइयों का दुरुपयोग किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और पूरे रैकेट को जड़ से खत्म करने के लिए कार्रवाई जारी रहेगी।






