लखनऊ, 16 दिसंबर 2025:
यूपी को तकनीक, निवेश और रोजगार के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने सीएम योगी आदित्यनाथ से लखनऊ में भेंट की। इस बैठक में यूपी में टाटा समूह की ओर से संचालित परियोजनाओं की प्रगति, प्रस्तावित विस्तार तथा नए निवेश अवसरों पर व्यापक चर्चा हुई।
इस दौरान कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा विनिर्माण, ऊर्जा, नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी), पर्यटन, कौशल विकास और डिजिटल अर्थव्यवस्था जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में दीर्घकालिक सहयोग पर सहमति बनी। इस अवसर का सबसे अहम बात राजधानी लखनऊ में ‘एआई सिटी’ विकसित करने का टाटा समूह का प्रस्ताव रही जिसे यूपी को एआई के क्षेत्र में वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है।

प्रस्तावित एआई सिटी के माध्यम से प्रदेश में स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूती मिलेगी। नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और भविष्य की तकनीकों पर आधारित हजारों नए रोजगार अवसर सृजित होंगे। यह परियोजना अंतरराष्ट्रीय टेक कंपनियों, अनुसंधान संस्थानों और नवोदित उद्यमों को आकर्षित कर यूपी को डिजिटल अर्थव्यवस्था का प्रमुख केंद्र बनाने में सहायक होगी।
बैठक में गोरखपुर में 48 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किए जा रहे ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ की प्रगति की भी समीक्षा की गई। यह केंद्र विशेष रूप से पूर्वांचल के युवाओं को उन्नत तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करेगा जिससे उन्हें राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने के अवसर मिलेंगे।
टाटा समूह ने आईआईटी कानपुर के साथ किए गए एमओयू की जानकारी भी साझा की। इसके तहत एआई, साइबर सिक्योरिटी, डेटा साइंस, 3डी प्रिंटिंग, ड्रोन और स्पेस टेक्नोलॉजी जैसे आधुनिक क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह पहल प्रदेश में स्किल डेवलपमेंट को नई दिशा देते हुए इंडस्ट्री-रेडी वर्कफोर्स तैयार करने में अहम भूमिका निभाएगी।
इसके अलावा प्रदेश में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) की स्थापना तथा टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) की लखनऊ, नोएडा और वाराणसी इकाइयों के विस्तार पर भी चर्चा हुई। लखनऊ और नोएडा की टीसीएस इकाइयों में कर्मचारियों की संख्या 16,000 से बढ़ाकर 30,000 करने का प्रस्ताव राज्य के डिजिटल टैलेंट पूल को नई मजबूती देगा।
इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की बढ़ती क्षमता को देखते हुए टाटा समूह ने मोबाइल उपकरणों, इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स और अन्य हाई-टेक उत्पादों के निर्माण में निवेश बढ़ाने की इच्छा जताई। इस क्रम में इंटेल के साथ हुए एमओयू का उल्लेख करते हुए प्रदेश के इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को और सशक्त बनाने पर सहमति बनी।
बैठक में उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पर भी विस्तृत चर्चा हुई। टाटा समूह ने झांसी सहित विभिन्न रक्षा औद्योगिक नोड्स में ड्रोन, मिसाइल और रक्षा वाहनों के निर्माण के लिए निवेश विस्तार का प्रस्ताव रखा।
सीएम योगी ने कहा कि राज्य सरकार निवेशकों को स्थिर नीति, पारदर्शी व्यवस्था और अनुकूल कारोबारी माहौल प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि टाटा समूह के साथ यह बहुआयामी सहयोग प्रदेश की अर्थव्यवस्था, रोजगार सृजन और तकनीकी आत्मनिर्भरता को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा। यह बैठक उत्तर प्रदेश को ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने के संकल्प की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम मानी जा रही है।






