अयोध्या, 18 दिसंबर 2025:
जनवादी लेखक संघ और शहीद भगतसिंह स्मृति ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में देवकाली स्थित एक विद्यालय परिसर में अमर शहीद अशफाक उल्लाह खां के जीवन पर आधारित दास्तानगोई कार्यक्रम ‘दास्तान-ए-अशफाक’ का आयोजन किया गया।लखनऊ से आए रंगकर्मियों ने शहीद अशफाक उल्लाह खां के संघर्ष और बलिदान को जीवंत कर दिया।
दास्तानगोई की प्रस्तुति रंगकर्मी शहजाद रिजवी और फरजाना मेहदी ने दी। उन्होंने 1857 की क्रांति से लेकर काकोरी कांड तक की ऐतिहासिक घटनाओं और अशफाक उल्लाह खां सहित अन्य क्रांतिकारियों की भूमिका को प्रभावशाली अंदाज में प्रस्तुत किया। उनकी प्रस्तुति ने श्रोताओं को देशभक्ति से ओत-प्रोत कर दिया।

कार्यक्रम की शुरुआत में अतिथियों ने काकोरी एक्शन के नायक अमर शहीद अशफाक उल्लाह खां के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का परिचय देते हुए डॉ. विशाल श्रीवास्तव ने कहा कि दास्तानगोई एक प्राचीन विधा है, जो लंबे समय तक उपेक्षा का शिकार रही, लेकिन आज फिर से लोगों के बीच लोकप्रिय हो रही है। उन्होंने कहा कि 1857 की क्रांति के महान नायक मौलवी अहमद उल्लाह शाह की कर्मभूमि फैजाबाद में इस तरह के आयोजन का विशेष महत्व है, जिससे नई पीढ़ी को शहीदों के बलिदान से रूबरू होने का अवसर मिल रहा है।
लखनऊ से आए दास्तान लेखक असगर मेहदी ने दास्तानगोई के इतिहास और शहीद अशफाक उल्लाह खां के जीवन से जुड़े अहम पहलुओं को साझा किया। इससे पहले अतिथियों का स्वागत शहीद भगतसिंह स्मृति ट्रस्ट के अध्यक्ष सत्यभान सिंह जनवादी ने किया। वरिष्ठ कवि-लेखक आर.डी. आनंद, बृजेश श्रीवास्तव और अनंत सिंह द्वारा प्रस्तुत क्रांतिकारी गीतों से हुई। संचालन जनवादी लेखक संघ के कोषाध्यक्ष मुजम्मिल फिदा ने किया।






