लखनऊ, 18 दिसंबर 2025:
भारत के सेमीकंडक्टर मिशन को यूपी में एक नई गति और ठोस दिशा मिलने जा रही है। राज्य सरकार द्वारा अपनाए गए आत्मनिर्भर और तकनीक आधारित विकास मॉडल की एक बड़ी मिसाल एचसीएल ग्रुप और फॉक्सकॉन की संयुक्त ओसैट (OSAT-आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्टिंग) यूनिट के रूप में सामने आ रही है। यह परियोजना न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए रणनीतिक महत्व रखती है।
इस अत्याधुनिक सेमीकंडक्टर यूनिट की सबसे बड़ी विशेषता इसकी 20,000 सिलिकॉन वेफर्स प्रति माह की उत्पादन क्षमता है। सेमीकंडक्टर उद्योग में वेफर को चिप निर्माण की आधारशिला माना जाता है। एक वेफर से तकनीक और डिजाइन के अनुसार सैकड़ों से लेकर हजारों माइक्रोचिप्स तैयार किए जा सकते हैं। ऐसे में यह यूनिट हर महीने लाखों से लेकर करोड़ों चिप्स से जुड़ी प्रक्रियाओं को पूरा करने में सक्षम होगी।

अधिकारियों के अनुसार जनवरी के मध्य में इस परियोजना की ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी प्रस्तावित है। इसके बाद निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ेगा। केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद यह यूनिट यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) क्षेत्र में जेवर एयरपोर्ट के पास स्थापित की जाएगी। करीब 3,706 करोड़ रुपये के निवेश से बनने वाली यह इकाई उत्तर प्रदेश की पहली सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्टिंग सुविधा होगी।
इस संयंत्र में मुख्य रूप से डिस्प्ले ड्राइवर चिप्स का निर्माण किया जाएगा, जिनका उपयोग मोबाइल फोन, लैपटॉप, पर्सनल कंप्यूटर, ऑटोमोबाइल और अन्य आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में होता है। वर्तमान में भारत इन चिप्स के लिए बड़े पैमाने पर आयात पर निर्भर है। ऐसे में 20,000 वेफर्स की नियमित प्रोसेसिंग से घरेलू आपूर्ति श्रृंखला को मजबूती मिलेगी और आयात निर्भरता में उल्लेखनीय कमी आने की संभावना है।
सीएम योगी लगातार यह दोहराते रहे हैं कि यूपी को निवेश के लिए देश का सबसे भरोसेमंद राज्य बनाना सरकार की प्राथमिकता है। बेहतर कानून-व्यवस्था, मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर और निवेश अनुकूल नीतियों का ही परिणाम है कि एचसीएल और फॉक्सकॉन जैसी वैश्विक कंपनियां राज्य में निवेश के लिए आगे आई हैं।
एचसीएल ग्रुप की चेयरपर्सन रोशनी नादर मल्होत्रा के अनुसार यह साझेदारी तकनीकी विशेषज्ञता और वैश्विक अनुभव का अनूठा संगम है। इसके साथ ही सेमीकंडक्टर स्किल डेवलपमेंट पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, ताकि इस उच्च क्षमता वाली यूनिट के संचालन के लिए कुशल मानव संसाधन तैयार किया जा सके। विशेषज्ञों का मानना है कि यह परियोजना यूपी को सेमीकंडक्टर वैल्यू चेन में मजबूत स्थान दिलाने के साथ भारत को वैश्विक चिप मैन्युफैक्चरिंग मानचित्र पर एक कदम आगे ले जाएगी।






