लखनऊ, 28 दिसंबर 2025:
यूपी की मतदाता सूची में अब तक का सबसे बड़ा बदलाव दर्ज किया गया है। विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान के तहत गणना प्रपत्र जमा करने की अवधि समाप्त होने के बाद चुनाव आयोग ने आंकड़े जारी किए हैं। प्रदेश की 15.44 करोड़ मतदाता संख्या में से 2 करोड़ 88 लाख 75 हजार 230 नाम हटाए जाने की पुष्टि हो रही है। यह कुल सूची का लगभग 18.70 प्रतिशत है। अधिकारी इसे मतदाता सूची की सफाई प्रक्रिया का सबसे निर्णायक चरण बता रहे हैं।
सबसे अधिक नाम कटने वाले शहरों की सूची में लखनऊ सबसे ऊपर है। लखनऊ से 30.05 प्रतिशत मतदाता सूची से बाहर हुए हैं। इसके बाद गाजियाबाद (28.83%), बलरामपुर (25.98%), कानपुर नगर (25.50%) और मेरठ (24.66%) जैसे प्रमुख जिले शामिल हैं। प्रयागराज, गौतमबुद्धनगर, आगरा, बरेली, शाहजहांपुर और हापुड़ समेत 17 जिलों में 20 प्रतिशत से अधिक मतदाता सूची से हटाए गए हैं।
आयोग ने साफ किया है कि हटाए गए नाम मनमाने या राजनीतिक कारणों से नहीं बल्कि ठोस वजह के आधार पर हटाए गए हैं। उनमें स्थानांतरित वोटरों की संख्या 1.26 करोड़ है। इसी तरह अनुपस्थित या वेरिफिकेशन में नहीं मिलने वाले वोटर 83.73 लाख, मृत 46 लाख, डुप्लीकेट 23.70 लाख और फॉर्म जमा न करने वाले मतदाता 9.57 लाख हैं।
इसके अलावा 1.11 करोड़ मतदाताओं का रिकॉर्ड वर्ष 2003 की सूची में नहीं मिला। इन नामों से संबंधित न तो मतदाता और न ही उनके माता-पिता या दादा-दादी के दस्तावेज पाए गए हैं। यह संख्या कुल मतदाताओं का लगभग 7 प्रतिशत है। ऐसे सभी लोगों को 31 दिसंबर से नोटिस भेजे जाएंगे और उन्हें 12 अनुमन्य पहचान दस्तावेजों में से कम से कम दो पेश करने होंगे। ध्यान देने योग्य है कि केवल आधार कार्ड पर्याप्त नहीं होगा। इसके साथ एक अतिरिक्त पहचान प्रमाण अनिवार्य है। https://thehohalla.com/bjps-big-sir-campaign-roadmap-for-2027-victory/
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा के अनुसार 31 दिसंबर को कच्ची (ड्राफ्ट) मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा। 31 दिसंबर से 30 जनवरी तक दावे और आपत्तियां आमंत्रित की जाएंगी। 31 दिसंबर से 21 फरवरी तक रिकॉर्ड न मिलने वाले मतदाताओं को नोटिस दी जाएगी। 28 फरवरी को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन होगा।
निर्वाचन अधिकारियों के मुताबिक जिन पात्र व्यक्तियों का नाम इस वर्ष की सूची में नहीं है वे फॉर्म-6 भरकर पुनः अपना नाम जुड़वा सकते हैं। जिनके पास गणना प्रपत्र आया था लेकिन वे जमा नहीं कर सके उन्हें भी फॉर्म-6 के साथ शपथ पत्र और 2003 का विवरण देना होगा। इसके साथ ही 1 जनवरी 2026 को 18 साल पूरा करने वाले युवा भी पहली बार फॉर्म-6 के जरिए अपना नाम जुड़वा सकते हैं। UP SIR NEWS
चुनाव आयोग का मानना है कि गलत, डुप्लीकेट और मृत मतदाताओं के नाम हटना चुनावी शुचिता को मजबूत करेगा और भविष्य के विधानसभा एवं लोकसभा चुनावों में पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा। विशेषज्ञों के अनुसार इतने बड़े पैमाने पर सुधार का असर मतदान प्रतिशत और राजनीतिक समीकरणों पर भी पड़ सकता है।






