लखनऊ, 31 दिसंबर 2025:
राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा वितरण मूल्यांकन (NESDA) यानी नेस्डा की 2025 रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश ने डिजिटल प्रशासन के क्षेत्र में अपनी सशक्त मौजूदगी दर्ज कराई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश ने यह साबित किया है कि बड़े और जटिल प्रशासनिक ढांचे के बावजूद तकनीक के जरिये शासन को सरल, पारदर्शी और नागरिकों के अनुकूल बनाया जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार देश भर में कुल 23,934 ई-सेवाएं उपलब्ध हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 929 ई-सेवाओं की है, जो उसे अग्रणी राज्यों की श्रेणी में खड़ा करती है।
नेस्डा रिपोर्ट की सबसे अहम उपलब्धि यह है कि उत्तर प्रदेश ने 59 अनिवार्य ई-सेवाओं में से सभी 59 को पूरी तरह लागू कर दिया है। अनिवार्य सेवाओं के मामले में प्रदेश ने पूर्णता हासिल की है। यह उपलब्धि दर्शाती है कि योगी सरकार के लिए डिजिटल सेवाएं केवल एक योजना नहीं, बल्कि शासन व्यवस्था की मजबूत नींव बन चुकी हैं।
स्थानीय शासन और उपयोगिता सेवाओं के क्षेत्र में देश भर में 8,463 ई-सेवाएं उपलब्ध हैं। उत्तर प्रदेश ने इस क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति की है। जाति, आय और निवास प्रमाण पत्र, जन्म-मृत्यु पंजीकरण, पेंशन और छात्रवृत्ति जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं अब कुछ क्लिक में उपलब्ध हैं। इससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के नागरिकों को समय, धन और मेहनत की बचत के साथ सीधा लाभ मिल रहा है।
नेस्डा के अनुसार उत्तर प्रदेश में करीब 88 प्रतिशत ई-सेवाएं एकीकृत सेवा वितरण पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही हैं। निवेश मित्र और ई-डिस्ट्रिक्ट जैसे प्लेटफार्मों पर 822 से अधिक सेवाएं एक ही स्थान पर नागरिकों और निवेशकों को मिल रही हैं। इसका सकारात्मक असर ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के साथ-साथ जन सुविधाओं पर भी साफ तौर पर दिखाई दे रहा है।
पिछले एक वर्ष में प्रदेश में ई-सेवाओं की संख्या तेजी से बढ़ी है। नवंबर 2024 में जहां करीब 800 ई-सेवाएं उपलब्ध थीं, वहीं नवंबर 2025 तक यह संख्या बढ़कर 929 हो गई। शिकायत निवारण प्रणाली में भी उत्तर प्रदेश की स्थिति मजबूत हुई है। सार्वजनिक शिकायत सेवाओं में देश के 33 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ उत्तर प्रदेश ने भी पूर्णता हासिल की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शासन मॉडल फेसलेस, पेपरलेस और समयबद्ध गवर्नेंस पर आधारित है, जिसे नेस्डा रिपोर्ट के आंकड़े स्पष्ट रूप से प्रमाणित करते हैं। उत्तर प्रदेश अब डिजिटल प्रशासन में देश के लिए एक उदाहरण बनकर उभर रहा है।






