
फतेहपुर, 10 दिसम्बर 2024:
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में सदर बाजार स्थित 180 साल पुरानी नूरी जामा मस्जिद के पिछले हिस्से को आज मंगलवार को बुलडोजर की सहायता से तोड़ दिया गया। नाला निर्माण परियोजना के तहत अतिक्रमण की जद में आए इस हिस्से को भारी पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में हटाया गया। पीडब्ल्यूडी विभाग ने सितंबर में मस्जिद कमेटी को नोटिस जारी कर अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया था।
प्रशासन की कार्रवाई:
मस्जिद कमेटी को एक महीने का समय दिया गया था, लेकिन इस अवधि के भीतर न तो अतिक्रमण हटाया गया और न ही नोटिस का जवाब दिया गया। इसके बाद प्रशासन ने एडीएम और एएसपी की मौजूदगी में बुलडोजर से मस्जिद के पिछले हिस्से को ढहा दिया। एएसपी विजयशंकर मिश्र ने बताया कि इलाके में शांति व्यवस्था कायम है।
मस्जिद कमेटी की आपत्ति:
मस्जिद कमेटी के सचिव सैयद नूरी ने आरोप लगाया कि नोटिस के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिस पर 13 दिसंबर को सुनवाई होनी है। लेकिन इससे पहले ही प्रशासन ने कार्रवाई कर दी, जो कोर्ट की अवहेलना है। उन्होंने कहा कि यह मस्जिद एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत है, जिसे तोड़ना अनुचित है।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम:
कार्रवाई के दौरान इलाके में सुरक्षा के मद्देनजर भारी पुलिस बल और रैपिड एक्शन फोर्स तैनात रही। प्रशासन ने मस्जिद के आसपास 200 मीटर के दायरे में सभी दुकानों को बंद करा दिया और 300 मीटर क्षेत्र को सील कर दिया। साथ ही, स्थानीय लोगों को घरों में रहने की हिदायत दी गई।
यह मामला अब कानूनी और सांस्कृतिक विवाद का रूप ले चुका है, जिसमें प्रशासनिक निर्णयों और ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण के बीच संतुलन तलाशने की चुनौती है।





