
श्रीनगर 13 जुलाई 2025
अमरनाथ यात्रा के दौरान हादसा एक ब़ड़े हादसे की खबर सामने आई है। यहां पर आज 13 जुलाई को अमरनाथ यात्रा के लिए कुलगाम के पास बेस कैंप जा रही तीन बसों की टक्कर में 10 से ज़्यादा लोग घायल हो गए। इस घटना में अधिकारियों ने बताया कि यह हादसा तब हुआ जब बसें जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बालटाल जा रही थीं।
इस हादसे में लगभग नौ घायल तीर्थयात्रियों का पहले पास के एक चिकित्सा केंद्र में इलाज किया गया। बाद में उन्हें आगे के इलाज के लिए अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) में स्थानांतरित कर दिया गया। चिकित्सा अधिकारियों ने पुष्टि की है कि सभी घायलों को मामूली चोटें आई हैं और उनकी हालत स्थिर है।
#WATCH | Anantnag, J&K | A J&K Police Officer says, “We reached there and evacuated all the passengers. First, we took them to the nearby PHC and then brought them here. The accident was a result of a collision between two buses.” https://t.co/XeJiwM7pI4 pic.twitter.com/EQuWwZjZzR
— ANI (@ANI) July 13, 2025
जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, “घायलों को पहले नज़दीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया और फिर अनंतनाग के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह दुर्घटना दो बसों के बीच टक्कर के बाद हुई। सभी घायल सुरक्षित हैं।”
पुलिस ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त बस में सवार बाकी तीर्थयात्रियों के लिए एक आरक्षित बस की व्यवस्था की गई है और उन्होंने अपनी यात्रा जारी रखी है। अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर हिमालय में स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर की पवित्र यात्रा के लिए रविवार को 7,049 तीर्थयात्रियों का एक नया जत्था जम्मू के भगवती नगर आधार शिविर से रवाना हुआ।
इस जत्थे में 1,423 महिलाएँ, 31 बच्चे और 136 साधु-साध्वियाँ शामिल हैं। तीर्थयात्री कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुबह-सुबह अलग-अलग काफिलों में पहलगाम (अनंतनाग ज़िले) स्थित नुनवान और गंदेरबल ज़िले के बालटाल आधार शिविरों की ओर रवाना हुए।
कुल तीर्थयात्रियों में से 4,158 तीर्थयात्रियों ने 148 वाहनों के काफिले में पहलगाम मार्ग को चुना, जबकि 2,891 तीर्थयात्रियों ने 138 वाहनों के काफिले में बालटाल मार्ग को चुना।
38 दिनों की यह वार्षिक तीर्थयात्रा 3 जुलाई को शुरू हुई और 9 अगस्त को रक्षाबंधन के साथ समाप्त होगी। अब तक लगभग 1.83 लाख श्रद्धालु उस गुफा में पूजा-अर्चना कर चुके हैं जहाँ प्राकृतिक रूप से बर्फ से ढका शिवलिंग स्थापित है।






