लखनऊ, 17 मार्च 2025:
बिहार में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने का आरोपी विनोद गुप्ता को यूपी के गाजीपुर जेल में वीआईपी सुविधाएं दी जा रही थीं। उसने जेल के अंदर से पीड़ितों को फोन कर धमकाया और गवाही न देने के बदले पैसों का लालच दिया। जांच में उक्त आरोपों की पुष्टि के बाद डीजी जेल ने जेलर राकेश कुमार वर्मा और डिप्टी जेलर सुखवती देवी को निलंबित कर दिया गया है। जेल अधीक्षक अरुण प्रताप सिंह पर कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजा गया है।
जांच में अवैध पीसीओ का खुलासा
जेल में अवैध पीसीओ संचालित होने की जांच में पुष्टि हुई है। डीआईजी जेल की जांच में पाया गया कि कई बंदियों को फोन की सुविधा दी गई थी, जिसके लिए मोटी रकम ली जाती थी। इस मामले में पुलिस-प्रशासन ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी थी, जिसके आधार पर यह कार्रवाई हुई।
वीआईपी ट्रीटमेंट के लिए मोटी रकम
जांच में यह भी सामने आया कि अन्य कैदियों को भी मोबाइल पर बात कराने की सुविधा दी जा रही थी। इस सुविधा के बदले मोटी रकम वसूली जाती थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए डीजी जेल ने तत्काल कार्रवाई करते हुए जेल प्रशासन के दोषी अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।