
नई दिल्ली, 3 अप्रैल 2025
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार, 3 अप्रैल को राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित कानून मुसलमानों के खिलाफ नहीं है या उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के कामकाज में सुधार, जटिलताओं को दूर करना, पारदर्शिता सुनिश्चित करना और प्रौद्योगिकी संचालित प्रबंधन शुरू करना है।
लगभग 12 घंटे की बहस के बाद गुरुवार तड़के लोकसभा ने 288-232 मतों से विधेयक पारित कर दिया। उच्च सदन में विधेयक पेश करते हुए, जिसकी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) द्वारा जांच की गई थी और पुनः मसौदा तैयार किया गया था, रिजिजू ने कहा कि प्रस्तावित कानून का धर्म से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि यह केवल संपत्ति से संबंधित है। रिजिजू ने दावा किया कि विधेयक का उद्देश्य सभी मुस्लिम संप्रदायों को वक्फ बोर्ड में शामिल करना है।
मंत्री ने सदन को बताया कि 2004 में वक्फ संपत्तियां 4.9 लाख थीं, जो अब बढ़कर 8.72 लाख हो गई हैं।
विधेयक पारित करने के लिए विपक्ष से समर्थन मांगते हुए रिजिजू ने कहा कि इसका उद्देश्य पिछली सरकारों के अधूरे कार्यों को पूरा करना है। उन्होंने यह भी कहा कि रक्षा और रेलवे के स्वामित्व वाली संपत्तियों को छोड़कर, देश में सबसे बड़ी संपत्ति वक्फ के पास है।
विपक्ष के आरोपों को दरकिनार करते हुए रिजिजू ने कहा, “यह विधेयक मुसलमानों के खिलाफ नहीं है… हम किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते। वक्फ बोर्ड का गठन केवल वक्फ संपत्तियों की देखरेख के लिए किया गया है, न कि उनका प्रबंधन करने के लिए।” उन्होंने कहा, “सरकार ने अच्छे इरादे से विधेयक पेश किया है और इसलिए इसका नाम बदलकर ‘उम्मीद’ रखा गया है। किसी को भी नाम से कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।”
सरकार ने वक्फ विधेयक का नाम बदलकर एकीकृत वक्फ प्रबंधन सशक्तीकरण, दक्षता और विकास (यूएमईईडी) विधेयक रखने का प्रस्ताव किया है।






