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एयर इंडिया दुर्घटना : घटनास्थल से कुल 318 मानव अंग बरामद, जमीन पर 19 लोगों की मौत की सरकार ने पहली बार की पुष्टि

अहमदाबाद, 20 जून 2025

अहमदाबाद में 12 जून को हुए दुखद एयर इंडिया विमान दुर्घटना में फिलहाल जांच जारी है। इस हादसे में विमान में सवार 242 यात्रियों में से 241 यात्रियों की मौत की पुष्टि पहले ही हो चुकी है। वहीं मेडिकल कॉलेज में छात्रों और अन्य लोगों के चपेट में आने से हुई जनहानि पर गुरुवार को पुलिस आयुक्त जीएस मलिक ने को कहा कि एयर इंडिया अहमदाबाद-लंदन विमान दुर्घटना में पीड़ितों की सही संख्या निर्धारित करने में कुछ और दिन लगेंगे। फिलहाल जांच टीम ने घटनास्थल से कुल 318 शव और शरीर के अंग बरामद किए गए हैं और उन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। मलिक ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, “हमारे पास हताहतों की सही संख्या नहीं है, क्योंकि पहचान सुनिश्चित करने के लिए डीएनए परीक्षण अभी भी जारी है। कुल मिलाकर, हमने 318 शवों और शरीर के अंगों को डीएनए परीक्षण के लिए भेजा है, जिसमें लापता लोगों के नमूने भी शामिल हैं। जब तक हमें पूरा परिणाम नहीं मिल जाता, तब तक सटीक संख्या बताना उचित नहीं होगा।”

एयर इंडिया का विमान AI 171, जिसमें चालक दल के सदस्यों सहित 241 लोग सवार थे, बीजे मेडिकल कॉलेज के छात्रावास की इमारतों से टकरा गया, जिससे उसमें सवार सभी लोग मारे गए। बुधवार को राज्य सरकार ने पहली बार पुष्टि की कि ज़मीन पर मौजूद 19 लोगों की भी मौत हो गई, जिनमें चार एमबीबीएस छात्र और वहाँ रहने वाले डॉक्टरों के परिवार के चार सदस्य शामिल थे। सरकार ने बताया कि 71 लोग घायल हुए हैं। गुरुवार शाम तक 215 मृतकों के डीएनए नमूनों का मिलान हो चुका था और 198 शव उनके परिवारों को सौंप दिए गए थे।

मलिक ने बताया कि पुलिस ने दुर्घटनास्थल से 100 से ज़्यादा सेल फ़ोन बरामद किए हैं, जो पूरी तरह या आंशिक रूप से जले हुए हैं। डेटा निकालने के लिए फ़ोन को फ़ोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी में भेजा गया है। उन्होंने कहा, “हम देखना चाहते हैं कि क्या इन फोनों में दुर्घटना के समय की रिकॉर्डिंग है।” उन्होंने आगे कहा कि दुर्घटना के कारणों की जांच विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) द्वारा की जा रही है, जबकि पुलिस ने आकस्मिक मृत्यु का मामला दर्ज कर लिया है, जांच पंचनामा तैयार कर लिया है तथा अन्य औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। मलिक ने बचाव और प्रतिक्रिया प्रयासों में शामिल सभी लोगों की प्रशंसा की तथा इस अभियान को “अनुकरणीय और ऐतिहासिक” बताया।

 

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