
नई दिल्ली, 19 जुलाई 2025
घर में मिले जले हुए कैश कांड से घिरे न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। हाल ही में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को कहा कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को हटाने के संबंध में सभी राजनीतिक दलों ने अपनी सहमति दे दी है।
किरण रिजिजू ने पीटीआई-भाषा को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा, “मैंने विभिन्न राजनीतिक दलों के सभी वरिष्ठ नेताओं से बात की है। मैं सभी सदस्यों के विचार जानना चाहता हूं और कुछ एकल सदस्यीय दलों से भी संपर्क करूंगा। ताकि भारतीय संसद का एक एकीकृत रुख बन सके।”
मंत्री ने कहा कि न केवल सरकार, बल्कि कांग्रेस सहित सभी दल और सांसद न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा, “न्यायपालिका में भ्रष्टाचार एक बहुत ही संवेदनशील और गंभीर मुद्दा है। क्योंकि न्यायपालिका एक ऐसी जगह है जहाँ लोगों को न्याय मिलता है। अगर न्यायपालिका में भ्रष्टाचार है, तो यह सभी के लिए गंभीर चिंता का विषय है। इसलिए सभी राजनीतिक दलों को न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को हटाने के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करना चाहिए।”
रिजिजू ने कहा कि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इस मुद्दे की गंभीरता को समझा है और इस मुद्दे पर अपनी सहमति व्यक्त की है। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि कोई भी पार्टी भ्रष्ट न्यायाधीशों के पक्ष में खड़ी होगी या उन्हें बचाएगी।”
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा को उनके सरकारी आवास में 8 अप्रैल की रात आग लगने के बाद भारी मात्रा में नकदी जब्त होने के गंभीर आरोपों के बाद अपने पद से इस्तीफा देने का विकल्प दिया था। लेकिन उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है। इसलिए, केंद्र सरकार उनके पद से हटाने के लिए महाभियोग की कार्यवाही शुरू कर सकती है।






