
महाकुंभ नगर, 26 जनवरी 2025:
गणतंत्र दिवस पर आज संगम किनारे आस्था और अध्यात्म के महा समागम महाकुंभ में राष्ट्रभक्ति और अध्यात्म का अनूठा संगम दिखाई दिया। साधु-संतों और संस्थाओं के शिविरों में जगह-जगह राष्ट्र ध्वज फहराया गया। राष्ट्रगान का गायन करने के साथ देश की एकता और अखंडता के लिए सामूहिक संकल्प लिए गए।
दंडी स्वामियों की परम्परा की है सिल्वर जुबली
पूरा महाकुंभ क्षेत्र भगवा रंग के झंडों के साथ तिरंगे के रंग से सराबोर हो गया। सबसे पहले महाकुंभ के दंडी स्वामी नगर में अखिल भारतीय दंडी स्वामी परिषद के अध्यक्ष स्वामी महेशाश्रम के शिविर में हजारों की संख्या में दंडी स्वामी संतों ने एक साथ मिलकर राष्ट्रध्वज फहराया और राष्ट्रगान गाया। माघ माह में संगम किनारे 2001 से गणतंत्र दिवस मनाने की दंडी स्वामियों की परम्परा की इस वर्ष सिल्वर जुबली है।
देश की एकता और अखंडता के लिए दिलाई शपथ
इस अवसर पर अखिल भारतीय दंडी स्वामी परिषद के अध्यक्ष श्रीमद जगद्गुरु स्वामी महेशाश्रम ने सभी दंडी स्वामियों को देश की एकता और अखंडता के लिए शपथ दिलाई। स्वामी महेशाश्रम का कहना है कि देश के हर गांव ने एक-एक दंडी स्वामी को भेजा जाएगा ताकि जाति के नाम पर हिंदू समाज को कमजोर करने की कोशिश को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि राष्ट्र तभी मजबूत हो सकता है जब हिंदू सनातन धर्म मजबूत हो और सनातन धर्म की सभी जातियां एक हों।
अखाड़ों में हुआ भव्य ध्वजारोहण
महाकुंभ में जो घाटों पर सुबह से ही हर-हर गंगे और हर-हर महादेव के मंत्रोच्चार गूंजते हैं वे गणतंत्र की सुबह जन गण मन… से गूंज उठे। महाकुंभ के आकर्षण अखाड़ा सेक्टर में गणतंत्र दिवस पर भगवा और तिरंगे का अनोखा मेल देखने को मिला। पंच दशनाम श्री निरंजनी अखाड़े के शिविर में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी की अगुवाई में राष्ट्रध्वज फहराया गया। साधु-संतों ने श्रद्धालुओं के साथ तिरंगे के नीचे राष्ट्रगान गाया। श्री पंच दशनाम संन्यासिनी अखाड़े में भी महिला नागा संन्यासिनियों ने तिरंगा फहरा कर गणतंत्र दिवस मनाया।
मौनी अमावस्या पर स्नान को लेकर विशेष अपील
महंत रविंद्र पुरी ने मौनी अमावस्या में त्रिवेणी स्नान करने आ रहे सभी श्रद्धालुओं और भक्तों से कहा है कि कुंभ क्षेत्र में जहां भी गंगा जी की धारा और घाट नजदीक दिखाई दे वहीं पर वह स्नान करें। सम्पूर्ण महाकुंभ क्षेत्र में स्नान करने का बराबर पुण्य फल मिलता है।
