Assam

‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ विवाद में यूट्यूबर आशीष चंचलानी से असम पुलिस ने की पूछताछ

गुवाहाटी, 28 फरवरी 2025

गुवाहाटी पुलिस ने गुरुवार को लोकप्रिय यूट्यूबर आशीष चंचलानी से ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ शो के एक एपिसोड के दौरान कथित तौर पर अश्लील बातें कहने के संबंध में पूछताछ की। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यूट्यूबर क्राइम ब्रांच के दफ्तर पहुंचा और उससे कई घंटों तक पूछताछ चली। आरोपों के विभिन्न पहलुओं पर पूछताछ के बाद उसे शाम को जाने दिया गया।

गुवाहाटी के संयुक्त पुलिस आयुक्त अंकुर जैन ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “यूट्यूबर आशीष चंचलानी आज पूछताछ के लिए अपराध शाखा के समक्ष पेश हुए। उन्होंने हमारी जांच में सहयोग किया है। हम अभी उन्हें दोबारा नहीं बुला रहे हैं, लेकिन जरूरत पड़ने पर हम उन्हें बुलाएंगे। मामले से जुड़े अन्य व्यक्तियों ने अभी तक पुलिस नोटिस का जवाब नहीं दिया है। जल्द ही उन्हें नया समन जारी किया जाएगा।”  

21 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर की उस याचिका पर महाराष्ट्र और असम सरकारों से जवाब मांगा था, जिसमें शो में कथित अश्लील टिप्पणियों को लेकर दर्ज एफआईआर को रद्द करने या मुंबई स्थानांतरित करने की मांग की गई थी।

चंचलानी का नाम असम में दर्ज एफआईआर में है, जिसमें यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया ने कॉमेडियन समय रैना द्वारा आयोजित शो में विवादास्पद टिप्पणी की थी। शो के एक एपिसोड के दौरान माता-पिता और सेक्स पर टिप्पणी करने के लिए, बीयरबाइसेप्स के नाम से लोकप्रिय रणवीर अल्लाहबादिया के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की गईं।

अपनी याचिका में चंचलानी ने साइबर पुलिस स्टेशन, पुलिस आयुक्तालय, गुवाहाटी अपराध शाखा, असम में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की है। यूट्यूबर ने इस आधार पर गुवाहाटी में दर्ज एफआईआर को मुंबई स्थानांतरित करने की मांग की कि महाराष्ट्र में दर्ज एफआईआर पहले दर्ज की गई थी।

गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने 18 फरवरी को चंचलानी की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें अंतरिम जमानत दे दी थी और उन्हें 10 दिनों के भीतर जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने को कहा था। चंचलानी के वकील ने तर्क दिया कि उनके मुवक्किल ने शो में कुछ भी नहीं कहा तथा एफआईआर में आरोप केवल सह-आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ लगाए गए हैं।

गुवाहाटी पुलिस ने 10 फरवरी को एक व्यक्ति की शिकायत पर भारतीय न्याय संहिता, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, सिनेमैटोग्राफ अधिनियम और महिलाओं का अश्लील चित्रण (निषेध) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। 

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