नई दिल्ली, 19 जुलाई 2025
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से अपना वही पुराना राग अलापा और ब्रिक्स देशों को फिर से चेतावनी देते हुए व्यापार शुल्कों पर कड़ा रुख अपनाया है। इसी कड़ी में उन्होंने एक बार फिर ब्रिक्स गठबंधन की आलोचना की है। ब्रिक्स को एक छोटा समूह बताते हुए ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर वे अपने देश के डॉलर के प्रभुत्व को चुनौती देना चाहते हैं तो उन्हें 10 प्रतिशत के अतिरिक्त शुल्क का सामना करना पड़ेगा। क्रिप्टोकरेंसी को वैध बनाने से जुड़े ‘जीनियस’ विधेयक पर हस्ताक्षर करने के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने ये बातें कहीं।
ट्रंप ने कहा, “ब्रिक्स नाम का एक छोटा सा समूह है। वे डॉलर के प्रभुत्व को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। वे हमारी मुद्रा का अवमूल्यन करने की कोशिश कर रहे हैं। इसीलिए हमने उन पर टैरिफ बढ़ाने का फैसला किया है। इसका असर तेज़ी से कम हो रहा है। हमने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिकी डॉलर वैश्विक आरक्षित मुद्रा के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखेगा और अगर इसका मूल्य कम होता है, तो इसे हार माना जाएगा।
इस बीच, ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका से बने ब्रिक्स गठबंधन में हाल ही में ईरान, मिस्र, इथियोपिया, संयुक्त अरब अमीरात और इंडोनेशिया भी शामिल हुए हैं। इन्हें संयुक्त रूप से ब्रिक्स प्लस कहा जाता है। हालाँकि, हाल ही में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में इन देशों ने अमेरिकी व्यापार नीतियों पर चिंता व्यक्त की। ट्रम्प ने इस पर अपनी नाराज़गी जताई और स्पष्ट किया कि वे अमेरिका विरोधी रुख रखने वाले देशों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाएंगे और ब्रिक्स देशों पर भी टैरिफ लागू किए जाएँगे।