अयोध्या, 9 नवंबर 2025:
सिद्धपीठ हनुमत निवास में रविवार को तीन दिवसीय अखंड संगीतमय रामचरितमानस पाठ का समापन हुआ। इस आयोजन में मुरादाबाद, कानपुर, वाराणसी और रायबरेली सहित कई शहरों से आए 100 से अधिक भक्तों ने सामूहिक रूप से संगीत के साथ पाठ कर वातावरण को भक्ति रस से सराबोर कर दिया।
समारोह में अयोध्या के 500 से अधिक प्रसिद्ध संत-महंतों की उपस्थिति में सामूहिक शिवस्तुति का सस्वर पाठ हुआ। कार्यक्रम में भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और सांसद बृजभूषण शरण सिंह, पूर्व मेयर ऋषिकेश उपाध्याय, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष अवधेश पांडेय बादल, एडीए सदस्य परमानंद मिश्र, हनुमत सदन के महंत अवध किशोर शरण, तथा हनुमत किला गहोई मंदिर के महंत रामलखन शरण उपस्थित रहे।
हनुमत निवास के आचार्य डॉ. मिथिलेश नंदिनी शरण ने प्रवचन के दौरान कहा जो व्यक्ति प्रभु की लीला में मन, वचन और कर्म से डूब जाता है, वह सांसारिक विकारों से मुक्त होकर प्रभु का ही स्वरूप बन जाता है। उसके अंतःकरण में केवल भगवान की छवि ही विराजमान रहती है। मुरादाबाद के सी.एल. गुप्ता शिखा गुप्ता और राघव गुप्ता ने आयोजन में प्रमुख भूमिका निभाई। कार्यक्रम के समन्वयक गायक योगेश भसीन रहे।






