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अयोध्या : ‘प्रतिष्ठा द्वादशी समारोह’ का खाका तैयार…रक्षा मंत्री करेंगे उद्घाटन, जानें पूरी डिटेल

ट्रस्ट की बैठक में रामनगरी में 27 दिसंबर से 2 जनवरी तक धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम का निर्णय, अंगद टीला बनेगा उत्सव का केंद्र, भजन संध्या में अनूप जलोटा, सुरेश वाडेकर और तृप्ति शाक्य प्रस्तुतियां देंगे, छत्तीसगढ़ व आगरा के कलाकार उकेरेंगे राम का जीवन

अयोध्या, 14 दिसंबर 2025 :

रामनगरी अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की अहम बैठक में राम मंदिर की प्रतिष्ठा द्वादशी समारोह की रूपरेखा को अंतिम रूप दे दिया गया। मणिराम दास की छावनी में आयोजित बैठक में तय हुआ कि समारोह का उद्घाटन 31 दिसंबर को गृहमंत्री राजनाथ सिंह मुख्य अतिथि के रूप में करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इस अवसर पर मौजूद रहेंगे।

बता दें हिंदू कैलेंडर के अनुसार राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह की दूसरी सालगिरह 31 दिसंबर को होगी। राम मंदिर ट्रस्ट, प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ को प्रतिष्ठा द्वादशी के तौर पर मनाता है. इस बार द्वादशी 31 दिसंबर को पड़ रही है। इसी क्रम में एक अहम बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता ट्रस्ट अध्यक्ष पूज्य महंत नृत्य गोपाल दास ने की। इस दौरान राम मंदिर निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की गई।

ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि 27 दिसंबर से 1 जनवरी तक राम जन्मभूमि परिसर की यज्ञशाला में जगदगुरु विश्व प्रसन्न तीर्थ के संयोजन में पांच दिवसीय अनुष्ठान होंगे। वहीं 27 से 31 दिसंबर तक श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में मंडल पूजा और श्रीरामचरितमानस का संगीतमय अखंड पाठ आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा 29 दिसंबर से 2 जनवरी तक अंगद टीला परिसर में प्रख्यात कथा प्रवाचक जगदगुरु रामानंदाचार्य स्वामी राम दिनेशाचार्य द्वारा श्रीरामकथा की सुधावृष्टि की जाएगी।

तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ 31 दिसंबर से होगा। भजन संध्या में प्रख्यात भजन गायक अनूप जलोटा, सुरेश वाडेकर और तृप्ति शाक्य अपनी प्रस्तुतियां देंगे। कानपुर की एक टोली संगीतमय रामचरितमानस का पारायण करेगी, जबकि छत्तीसगढ़ के एक विश्वविद्यालय की टीम भगवान राम के जीवन पर आधारित नाटक का मंचन करेगी।

आगरा की कथक नृत्यांगना पूजा दिवाकर भगवान राम के जन्म से लेकर लंका विजय और अयोध्या आगमन तक की यात्रा पर आधारित कथक नृत्य नाटिका प्रस्तुत करेंगी। इसके साथ ही कवि सम्मेलन का भी आयोजन होगा, जिसका संयोजन दिल्ली के जगदीश मित्तल करेंगे। ट्रस्ट ने स्पष्ट किया कि प्रतिष्ठा द्वादशी के सभी कार्यक्रम अंगद टीला परिसर में होंगे और आम श्रद्धालु भी इनमें शामिल हो सकेंगे।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जिस स्थान पर प्राण प्रतिष्ठा से पहले प्रभु श्रीरामलला अपने भाइयों के साथ विराजमान थे, वहां एक मंदिर का निर्माण किया जाएगा। इसी परिसर में श्रीराम मंदिर आंदोलन के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों की स्मृति में एक स्मारक भी बनाया जाएगा। ट्रस्ट ने यह भी तय किया कि हिंदू नव वर्ष के अवसर पर 19 मार्च को एक विशेष कार्यक्रम आयोजित कर राम मंदिर निर्माण में योगदान देने वाले लगभग 400 श्रमिकों को सम्मानित किया जाएगा।

बैठक में राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र, महंत दिनेंद्र दास, डॉ. कृष्ण मोहन और जिलाधिकारी के प्रतिनिधि के रूप में नगर आयुक्त जयेंद्र कुमार मौजूद रहे। इसके अलावा ट्रस्टी के. पराशरण, जगदगुरु वासुदेवानंद सरस्वती, युग पुरुष परमानंद, कोषाध्यक्ष गोविंद देवगिरी और प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि गृह सचिव संजय प्रसाद ऑनलाइन जुड़े। आमंत्रित सदस्यों में विहिप के केंद्रीय संरक्षक दिनेश चंद्र, गोपाल राव और रामकथा संग्रहालय के निदेशक संजीव सिंह शामिल रहे।

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