देहरादून, 2 फरवरी 2025:
उत्तराखंड के प्रसिद्ध चारधामों में से एक बद्रीनाथ धाम के कपाट इस साल 4 मई को सुबह 6 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। हर साल की तरह इस बार भी बसंत पंचमी के दिन टिहरी राजमहल में विधिवत पूजा-अर्चना और ज्योतिषीय गणना के बाद कपाट खुलने की तिथि तय की गई।
राज परंपरा के अनुसार तय होती है तिथि
बद्रीनाथ धाम के कपाट खोलने की परंपरा सदियों पुरानी है। टिहरी राज परिवार को भगवान बद्री विशाल का कुल देवता माना जाता है, इसलिए कपाट खुलने और बंद होने की तिथि टिहरी राजमहल में तय की जाती है। राज पुरोहित राजा की कुंडली और ग्रह दशा का अध्ययन कर यह शुभ दिन घोषित करते हैं।
कपाट खोलने से पहले यात्रा की अनूठी परंपरा
कपाट खोलने से पहले यात्रा की परंपरा निभाई जाती है। टिहरी के नरेंद्रनगर राजमहल में महारानी राज्य लक्ष्मी शाह सुहागिन महिलाओं के साथ व्रत रखती हैं और तिल से तेल निकालकर उसे विशेष घड़े में संग्रहित करती हैं। यह घड़ा श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में रखा जाता है और बाद में इसी तेल से बद्री विशाल की प्रतिमा का अभिषेक कर मंदिर के कपाट खोले जाते हैं।
6 महीने तक खुले रहते हैं कपाट
श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट 6 महीने तक खुले रहते हैं, जिसके बाद शीतकाल में भगवान की पूजा देवलोक में मानी जाती है। हर साल लाखों श्रद्धालु बद्रीनाथ धाम के दर्शन के लिए आते हैं। इस बार भी कपाट खुलने की तिथि की घोषणा के बाद भक्तों में उत्साह देखा जा रहा है।