
अंशुल मौर्य
वाराणसी, 20 दिसंबर 2024:
उत्तर प्रदेश के वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के सिंहद्वार पर गृहमंत्री अमित शाह की तस्वीर जलाने के मामले में लंका पुलिस ने शुक्रवार को तीन छात्रों को गिरफ्तार किया। यह घटना गुरुवार को संसद में गृहमंत्री अमित शाह के बाबा साहब भीमराव अंबेडकर पर दिए बयान के विरोध में हुई। छात्रों ने सिंहद्वार पर विरोध सभा का आयोजन कर अमित शाह की तस्वीर को जलाया, जिसके बाद पुलिस ने सख्त कार्रवाई की।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का विरोध:
घटना के बाद कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने लंका थाने पर पहुंचकर गिरफ्तारी की निंदा की। उन्होंने कहा कि छात्रों ने लोकतांत्रिक तरीके से अपने विचार व्यक्त किए थे और इस पर पुलिस की कार्रवाई अनुचित है। चौबे ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं को ऐसी घटनाओं में छूट दी जाती है, जबकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ सख्ती बरती जाती है। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार छात्रों में सुमन आनंद, विपिन कुमार और रोहित बिहारी शामिल हैं। सुमन आनंद की परीक्षा होने के बावजूद उन्हें जेल में रखा गया है।
पुलिस का बयान:
लंका एसएचओ शिवाकांत मिश्रा ने बताया कि प्रदर्शनकारी छात्रों ने मालवीय गेट के पास सार्वजनिक स्थान पर पोस्टर जलाकर आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया और धार्मिक उन्माद भड़काने की कोशिश की। उन्होंने रास्ता रोककर भाषण दिया, जिससे इलाके में यातायात बाधित हुआ। पुलिस द्वारा समझाने पर भी प्रदर्शनकारी नहीं माने, जिसके बाद सुमन आनंद, विपिन कुमार और रोहित बिहारी को गिरफ्तार किया गया। उनके खिलाफ लंका थाने में मामला दर्ज किया गया है।
बीजेपी और कांग्रेस के बीच विवाद:
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आरोप है कि भाजपा के युवा मोर्चा ने राहुल गांधी का पुतला फूंका, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं, कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा गांधीवादी तरीके से किए गए विरोध को दमनकारी कदम बताया गया।
इस घटना ने बीएचयू परिसर और वाराणसी में राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। कांग्रेस ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन करार दिया है और छात्रों की तत्काल रिहाई की मांग की है।






