पटना, 27 दिसंबर, 2024
पिछले नौ दिनों से राजधानी के गर्दनीबाग स्थित धरना स्थल पर अपनी मांगों को लेकर बैठे छात्रों ने गुरूवार को जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर का विरोध किया। छात्रों का विरोध प्रशांत किशोर के द्वारा कही गयी दो बतों पर था।
दरअसल गुरूवार को प्रशांत किशोर अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शाम साढे पांच बजे के करीब गर्दनीबाग स्थित धरना स्थल पर पहुंचे। प्रशांत किशोर ने आते ही कहा कि वह किसी राजनीतिक दल के नेता की हैसियत के रूप में नहीं आये हैं। वह अभ्यर्थियों की मांग के समर्थन में आये हैं।
बीपीएससी अभ्यर्थियों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कई बातें कही। उन्होंने यह भी कहा कि अभ्यर्थियों की तरफ से राज्य सरकार को तीन दिन का वक्त सरकार को देना चाहिए। तीन दिन के बाद भी अगर कोई रास्ता नहीं निकला तो छात्रों के साथ सबसे आगे प्रशांत किशोर रहेगा। प्रशांत किशोर के इतना कहते ही धरना स्थल पर उपस्थित अभ्यर्थयों ने अपना जोरदार विरोध दर्शाया।
प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं सरकार और छात्रों की राजनीति में नहीं पडना चाहता। आपके मामलों को सरकार अगर अभी सॉल्व कर दे तो अच्छी बात है । अगर तीन दिन में सरकार ने इस मामले को खत्म नहीं किया और छात्रों ने आगे आंदोलन का रास्ता चलाने के लिए तय किया तो प्रशांत किशोर आपके साथ खड़ा रहेगा।
इसके अलावा प्रशांत किशोर ने जब छात्रों के बीच में खाने पीने की बात को लेकर जब अपनी बात रखनी चाही, तब भी अभ्यर्थियों ने विरोध किया।
बाद में मीडिया से बातें करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि सरकार ने छात्रों को लाठी से क्यों मारा? छात्रों का मामला और सरकार का निर्णय अलग मुद्दा है। अगर यहां से मार्च निकलेगा तो मैं भी इसमें शामिल रहूंगा। मैं देखना चाहता हूं कि सरकार के अंदर कितना दम है?
बता दें कि पिछने नौ दिनों से राजधानी के गर्दनीबाग स्थित धरना स्थल पर बीपीएससी की 70 वीं प्रारंभिक परीक्षा में गड़बड़ी की मांग को लेकर अभ्यर्थी धरना स्थल पर बैठे हुए हैं। गुरूवार को पूरे दिन धरना स्थल पर जबदरस्त गहमागहमी बनी रही। इन अभ्यर्थियों की मांग है कि केवल बापू परीक्षा केंद्र ही नहीं बल्कि पूरी प्रारंभिक परीक्षा का री-एग्जाम हो।