लखनऊ, 11 नवंबर 2025 :
केंद्रीय बजट 2026-27 की तैयारियां शुरू हो गई हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को देश के नामी अर्थशास्त्रियों से मुलाकात कर उनकी राय जानी। इस बैठक का मकसद था यह समझना कि आने वाले बजट में किन मुद्दों पर ज्यादा फोकस होना चाहिए ताकि देश की अर्थव्यवस्था को और मजबूत बनाया जा सके।
बैठक में कौन-कौन रहे शामिल?
नई दिल्ली में हुई इस बैठक में देश के कई जाने-माने अर्थशास्त्री मौजूद थे जिनमें साजिद चिनॉय, नीलकंठ मिश्रा, धर्मकीर्ति जोशी, रिधम देसाई, सोनल वर्मा और इंदिरा राजारमन जैसे नाम शामिल हैं। इनके अलावा वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग यानी डीईए के सचिव, भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार और कई वरिष्ठ अधिकारी भी इस चर्चा का हिस्सा बने।
1 फरवरी को पेश हो सकता है बजट
वित्त मंत्रालय के अनुसार, निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2026 को बजट पेश कर सकती हैं। यह बजट ऐसे समय में आ रहा है जब वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक हालात अस्थिर हैं और अमेरिका ने भारत से आने वाले कुछ माल पर 50 प्रतिशत तक का टैरिफ बढ़ा दिया है। ऐसे में इस बार का बजट सरकार के लिए काफी अहम माना जा रहा है।

रोजगार और ग्रोथ पर रहेगा फोकस
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इस बार का बजट रोज़गार के नए अवसर पैदा करने, मांग को बढ़ाने और ग्रोथ रेट को 8 प्रतिशत से ऊपर ले जाने पर केंद्रित होना चाहिए। सरकार की ओर से यह उम्मीद जताई जा रही है कि चालू वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था 6.3 से 6.8 प्रतिशत के बीच की दर से आगे बढ़ेगी।
लोगों की बढ़ीं उम्मीदें
अब जब बजट को लेकर चर्चा शुरू हो चुकी है, तो आम लोगों और कारोबार जगत की नजरें इस पर टिक गई हैं कि सरकार टैक्स, महंगाई और रोजगार जैसे मुद्दों पर क्या कदम उठाएगी। आने वाले हफ्तों में मंत्रालय की और भी बैठकों की संभावना है ताकि अंतिम बजट का खाका तैयार किया जा सके।






