
अंशुल मौर्य
वाराणसी, 15 जुलाई 2025:
यूपी के वाराणसी स्थित चौबेपुर के छितौना गांव में ठाकुर और राजभर समुदाय के बीच गाय को लेकर शुरू हुआ विवाद अब सियासी जंग में बदल चुका है। मंगलवार को क्षत्रिय महासभा के कार्यकर्ताओं ने वाराणसी-गाजीपुर हाईवे पर धरना दे दिया। इस धरने से हाईवे पर यातायात एकतरफा करना पड़ा, और मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया। हालांकि नाराज कार्यकर्ताओं से बहस धक्का मुक्की हुई लेकिन पुलिस ने हालात संभाल लिए।
बता दें कि छितौना कांड को लेकर क्षत्रिय महासभा के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष अवनीश सिंह को पुलिस ने आजमगढ़ में उनके आवास पर नजरबंद कर दिया था। वहीं जिला प्रशासन के साथ चली मैराथन बैठक में करणी सेना ने सुभासपा महासचिव अरविंद राजभर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की। प्रशासन ने 48 घंटे में निष्पक्ष जांच का भरोसा दिया, जिसे करणी सेना ने मान लिया, लेकिन क्षत्रिय महासभा ने इस फैसले को ठुकरा दिया।
मंगलवार को क्षत्रिय महासभा के सैकड़ों कार्यकर्ता संदहा पहुंचे और कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, ओमप्रकाश राजभर और अरविंद राजभर के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान पहले से ही मौके पर मौजूद पुलिस बल ने कार्यकर्ताओं को रोका, लेकिन भीड़ उत्तेजित हो गई और गाजीपुर-वाराणसी मुख्य मार्ग पर धरना देकर चक्का जाम कर दिया। स्थिति को संभालने में पुलिस प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ी। हालात बेकाबू होते देख पुलिस के आला अधिकारियों ने सूझबूझ से भीड़ को नियंत्रित किया। फिलहाल क्षेत्र में तनाव बरकरार है
क्या है छितौना कांड?
5 जुलाई को छितौना गांव में एक गाय के खेत में घुसने को लेकर ठाकुर और राजभर समुदाय में हिंसक झड़प हुई। गाय को भगाने के बाद वह दूसरे पक्ष के खेत में चली गई, जिसके बाद विवाद भड़क उठा। 6 जुलाई को राजभर पक्ष ने संजय सिंह समेत चार लोगों पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया। जवाब में, ठाकुर पक्ष ने 8 जुलाई को छह राजभर युवकों पर FIR दर्ज की।