नई दिल्ली, 13 जून 2025
भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। हाल ही में दोनों देशों के बीच हुई बातचीत के दौर के बीच खबर है कि भारत और चीन एक बार फिर दोनों देशों के बीच सीधी हवाई सेवाएं पुन: शूरू कर सकते हैं। यह कदम दोनों देशों के बीच व्यापार मुद्दों को सुलझाने की दिशा में भी देखा जा रहा है। दरअसल दिल्ली में जारी दो दिवसीय अपनी यात्रा पर भारत आए चीनी उप विदेश मंत्री सुन वेइदोंग और भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री बीच एक उच्च स्तरीय बैठक हुई है। चीनी उप विदेश मंत्री 12-13 जून तक नई दिल्ली की दो दिवसीय यात्रा पर हैं।
विदेश मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी बयान के अनुसार, “विदेश सचिव ने हवाई सेवा समझौते के जल्द ही पूरा होने की उम्मीद जताई। दोनों पक्षों ने वीजा सुविधा और मीडिया तथा थिंक टैंक के बीच आदान-प्रदान के लिए व्यावहारिक कदम उठाने पर भी सहमति जताई।”
बयान में कहा गया है कि दोनों देशों ने चिंता के विशिष्ट मुद्दों पर चर्चा और समाधान के लिए आर्थिक और व्यापार क्षेत्रों सहित कुछ कार्यात्मक वार्ताएं आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की है। बयान के अनुसार, बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने 27 जनवरी को बीजिंग में अपनी पिछली बैठक के बाद से भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों में हुए विकास की समीक्षा की और लोगों पर केंद्रित सहभागिता को प्राथमिकता देते हुए संबंधों को स्थिर और पुनर्निर्माण करने पर सहमति व्यक्त की।
विदेश सचिव मिसरी ने इस वर्ष कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने के लिए चीनी पक्ष के सहयोग की सराहना की। उन्होंने जल विज्ञान संबंधी आंकड़ों के प्रावधान और अन्य सहयोग को फिर से शुरू करने के लिए सीमा पार नदियों में सहयोग के लिए विशेषज्ञ स्तरीय तंत्र की अप्रैल की बैठक में हुई चर्चा का उल्लेख किया और इस पर प्रगति की उम्मीद जताई। बयान में कहा गया कि दोनों देशों ने भारत और चीन के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ के तहत नियोजित गतिविधियों का भी सकारात्मक मूल्यांकन किया और इसे सुविधाजनक बनाने पर सहमति व्यक्त की।
कैलाश मानसरोवर यात्रा इस महीने पांच साल के अंतराल के बाद फिर से शुरू हो रही है, जिसमें 750 तीर्थयात्रियों का पहला जत्था पवित्र स्थल के लिए रवाना होने के लिए तैयार है। इस यात्रा की बहाली को भारत-चीन संबंधों को सुधारने की दिशा में एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है, जो लद्दाख में लंबे समय से चल रहे सैन्य जमावड़े के कारण तनाव में आ गए थे। यात्रा की बहाली और चीन के साथ बातचीत दोनों देशों के बीच सीमा तनाव में कमी के बाद हुई है। विदेश सचिव मिसरी ने दोनों एशियाई दिग्गजों के बीच राजनयिक संबंधों को सुधारने के प्रयासों के तहत इस वर्ष जनवरी में बीजिंग का दौरा किया था।