देहरादून, 4 जुलाई 2025:
उत्तराखंड राज्य के देहरादून में नागर विमानन सम्मेलन-2025 का आयोजन किया गया। उत्तर भारत के नागर विमानन मंत्रियों एवं केंद्रीय नागर विमानन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू की मौजूदगी में सेवाओं को बेहतर व सुरक्षित बनाने पर चर्चा हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विमानन सेवाओं को परिवहन के साधन के साथ जीवन रेखा बताते हुए पर्वतीय राज्यों के लिए अलग से विमानन नीति बनाने की मांग रखी।
सम्मेलन के खास मेहमान केंद्रीय नागर विमानन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू का स्वागत करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में वर्तमान में 18 हेलीपोर्ट्स का विकास किया जा रहा है। इनमें 12 पर सेवाएं शुरू हो चुकीं हैं। हेली सेवाएं उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्यों में केवल परिवहन का साधन नहीं, बल्कि जीवन रेखा बन चुकी हैं। चाहे आपदा प्रबंधन हो, स्वास्थ्य सेवाएं हों या तीर्थयात्रा, हेलीकॉप्टर सेवाओं ने इन क्षेत्रों में अभूतपूर्व सुविधा प्रदान की है।
मुख्यमंत्री धामी ने केन्दीय नागर विमानन मंत्रालय से पर्वतीय राज्यों के लिए एक पृथक “पर्वतीय विमानन नीति” बनाने की मांग रखी। जिसमें विशेष वित्तीय सहायता, संचालन हेतु सब्सिडी, पर्वतीय क्षेत्रों के लिए सटीक एटीसी नेटवर्क, सटीक मौसम पूर्वानुमान, स्लॉटिंग और आपदा-पूर्व तैयारी जैसे प्रावधान शामिल हों।
मुख्यमंत्री ने सभी ऑपरेटरों से भी पर्वतीय उड़ानों के लिए विशेष पायलट प्रशिक्षण, सुरक्षा मानकों का कठोर पालन और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी अनुरोध किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, राजस्थान के कैबिनेट मंत्री गौतम कुमार , हरियाणा के कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल, उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन और संबंधित राज्यों के अफसर मौजूद रहे।