Uttarakhand

देहरादून में पूर्व सैनिक मिलन : CM धामी बोले… उत्तराखंड वीरों की पुण्यभूमि, सरकार हर कदम पर साथ

नए वर्ष के उपलब्ध में आयोजन, मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि के साथ वीरभूमि भी है, राज्य सरकार की ओर से सैनिक हित में किए जा रहे प्रयासों को किया साझा

योगेंद्र मलिक

देहरादून, 31 दिसंबर 2025:

देहरादून के हाथीबड़कला में नए वर्ष के उपलब्ध में आयोजित पूर्व सैनिक मिलन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भाग लेकर सैनिकों और पूर्व सैनिकों का उत्साह बढ़ाया। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से सैनिक हित में किए जा रहे प्रयासों को साझा किया।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड केवल देवभूमि ही नहीं बल्कि वीरभूमि भी है। इसकी माटी से ऐसे जांबाज पैदा हुए हैं जिन्होंने देश की सीमाओं पर अदम्य साहस दिखाया है। उन्होंने गर्व के साथ कहा कि एक सैनिक पुत्र होने के नाते उन्होंने बचपन से ही वर्दी की शान, अनुशासन, देशभक्ति और त्याग को करीब से महसूस किया है। यही वजह है कि वे सैनिक और पूर्व सैनिकों से जुड़े हर कार्यक्रम में सम्मिलित होकर उनके अनुभवों और अपेक्षाओं को समझने का प्रयास करते हैं।

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उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार का प्रयास है कि हर पूर्व सैनिक और शहीद परिवार को सम्मान मिले। पुनर्वास और रोजगार के अवसर भी सुनिश्चित हों। इसी क्रम में सैनिक कल्याण योजनाओं के दायरे और लाभ में लगातार वृद्धि की जा रही है।

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सेना देश की पहली रक्षा पंक्ति है। सैनिकों के कारण ही भारत सुरक्षित और सशक्त खड़ा है। उन्होंने दावा किया कि सीएम धामी के नेतृत्व में सरकार ने अनेक ऐतिहासिक फैसले लिए हैं जिनसे सैनिकों और उनके आश्रितों को बड़ी राहत मिली है। पुरस्कार और सम्मान राशि में कई गुना बढ़ोतरी इसका प्रमुख उदाहरण है जिसने शहीदों और वीर सैनिकों के सम्मान की गरिमा को और ऊंचा किया है।

मंत्री जोशी ने यह भी बताया कि सीमाओं पर देश की रक्षा करते हुए शहीद होने वाले जवानों के परिजनों को सरकारी नौकरी देने का निर्णय धामी सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाता है। अब तक 28 शहीद परिवारों को सरकारी सेवा में रोजगार दिया जा चुका है, जो सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

कार्यक्रम के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह, ब्रिगेडियर केजी बहल, मेजर जनरल सम्मी सबरवाल, ले. जनरल अश्वनी कुमार, मेजर जनरल ओपी राणा, ब्रिगेडियर जेएनएस बिष्ट, मेजर जनरल देवेश अग्निहोत्री, मेजर जनरल ओपी सोनी और मेजर जनरल आनंद रावत सहित बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक मौजूद रहे। उनके अनुभवों और सुझावों को भी सरकार की ओर से गंभीरता से सुना गया।

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