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CM धामी ने एंजेल चकमा के पिता से फोन पर की बात, बोले… दोषियों को दिलाई जाएगी कड़ी सजा

एमबीए की पढ़ाई के लिए देहरादून आए त्रिपुरा के छात्र एंजेल की गत दिनों कर दी गई थी हत्या, पांच आरोपी गिरफ्तार, एक आरोपी के नेपाल भागने की आशंका, उस पर इनाम घोषित

योगेंद्र मलिक

देहरादून, 29 दिसंबर 2025:

उत्तराखंड में पढ़ाई करने आए त्रिपुरा के एमबीए छात्र एंजेल चकमा की हत्या के मामले ने राज्य सरकार से लेकर केंद्र तक चिंता बढ़ा दी है। सोमवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फोन पर पीड़ित छात्र के पिता तरुण प्रसाद चकमा से बात की और पूरे मामले पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार न्याय दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाएगी और परिवार की हर तरीके से सहायता की जाएगी।

सीएम धामी ने बताया कि इस मामले में पांच आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। एक अन्य आरोपी के नेपाल भागने की आशंका है। उस फरार आरोपी पर इनाम घोषित कर गिरफ्तारी की कोशिशें तेज कर दी गई हैं। धामी ने कहा कि वे इस घटना से व्यक्तिगत रूप से दुखी हैं और समझ सकते हैं कि चकमा परिवार किस मानसिक स्थिति से गुजर रहा है।

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उन्होंने साफ कहा कि उत्तराखंड में हमेशा सुरक्षित माहौल रहा है। देश-विदेश के छात्र यहां शिक्षा की गुणवत्ता और शांति की वजह से पढ़ने आते हैं। यह घटना हम सबके लिए पीड़ादायक है। सरकार इसे बेहद गंभीरता से ले रही है। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि घटना के बाद उनकी बातचीत त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से हो चुकी है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। जरूरत पड़ने पर त्रिपुरा सरकार के साथ मिलकर सहायता सुनिश्चित की जाएगी।

मालूम हो कि घटना 9 दिसंबर को हुई थी। एमबीए की पढ़ाई के लिए देहरादून आया त्रिपुरा का 24 वर्षीय एंजेल चकमा अपने छोटे भाई माइकल चकमा के साथ सेलाकुई बाजार के एक शराब के ठेके पर गया था। इसी दौरान वहां मौजूद कुछ स्थानीय युवकों से कहासुनी हो गई। आरोप है कि विवाद के दौरान उन युवकों ने दोनों भाइयों के साथ नस्लीय टिप्पणियां कीं। विरोध करने पर आरोपियों ने उन पर हमला कर दिया।

हमले में गंभीर रूप से घायल एंजेल को अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां उन्होंने 14 दिनों तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद दम तोड़ दिया। इस घटना ने उत्तराखंड और त्रिपुरा दोनों राज्यों में शोक और आक्रोश की लहर पैदा कर दी है। सरकारी आश्वासनों के बीच अब सबकी नजरें पुलिस कार्रवाई और न्यायिक प्रक्रिया पर टिकी हैं।

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